उत्तर प्रदेश के कानपुर में यूपीएमआरसी मेट्रो परियोजना में काम कर रही है। कई स्थानों पर मेट्रो जमीन के अंदर से गुजर रही है। लेकिन आईआईटी, रावतपुर, बेनाझाबर जैसे स्थानों पर मेट्रो के लिए एलिवेटेड पटरी पटरी बिछाई गई है। इस दौरान 1408 पेड़ों की कटाई हुई है। इसके बदले वन विभाग को भुगतान भी किया गया है। लेकिन वन विभाग में करीब 5 साल बीत जाने के बाद भी एक भी पौधा नहीं लगाया है। जबकि आईआईटी से मोती झील के बीच मेट्रो का संचालन शुरू भी हो गया है। लेकिन पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग उदासीन बना है। नियमानुसार एक पेड़ के बदले दस पेड़ लगाए जाने हैं।
क्या कहता है नियम?
डीएफओ प्रभारी अनिल कुमार द्विवेदी ने बताया कि वन विभाग के नियम के अनुसार एक पेड़ काटने के बदले 10 पौधे लगाए जाते हैं। इन पेड़ों को सुरक्षित रखने के लिए 5 साल देखरेख करने का नियम भी लागू है। इस संबंध में ने बताया कि 2024-25 में 4:50 करोड रुपए के इस्तेमाल से पौधे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही सीमेंट के ट्री गार्ड भी लगाए जाएंगे। जिससे पेड़ों की सुरक्षा हो सके।