उत्तर प्रदेश में 10 राज्यसभा सीटों के लिए 27 फरवरी को होने वाले चुनाव ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाले भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन के बीच एक दिलचस्प मुकाबले का मंच तैयार कर दिया है।
अब यह देखना बाकी है कि क्या बीजेपी राज्यसभा में यूपी से 9 सीटें बरकरार रखने के लिए 2018 के राज्यसभा चुनाव की उपलब्धि को दोहरा पाएगी या फिर सपा सत्तारूढ़ पार्टी के गेम प्लान का मुकाबला करके अपनी ताकत बढ़ाने में सक्षम होगी।
अप्रैल में उत्तर प्रदेश के 10 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इन 10 सांसदों में से 9 बीजेपी के और एक समाजवादी पार्टी के हैं। 2018 में जब यूपी के 10 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव हुए थे। उस समय 403 सदस्यीय वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में बीजेपी के 312 सदस्य थे। इसके सहयोगी, अपना दल (सोनेलाल) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के पास 9 और 4 विधायक थे। बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर चुनाव हार गए थे जबकि बीजेपी के 9वें उम्मीदवार अनिल अग्रवाल जीत गए।
2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद परिदृश्य बदल गया है, क्योंकि यूपी विधानसभा में सपा की संख्या 47 विधायकों (2017) से बढ़कर वर्तमान में 108 विधायक हो गई है। इंडिया गठबंधन के सदस्य राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की ताकत भी एक विधायक से बढ़कर 9 हो गई है। कांग्रेस के विधायकों की 7 से घटकर 2 रह गई है। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के 119 विधायक हैं।
राज्यसभा के एक उम्मीदवार को राज्यसभा में सीट सुरक्षित करने के लिए 37 प्रथम-वरीयता वोटों की आवश्यकता होती है। इसलिए इंडिया गुट संसद के ऊपरी सदन में तीन सदस्यों को भेजने के लिए आरामदायक स्थिति में है। एनडीए खेमे में बीजेपी के 252 विधायक, अपना दल (एस) के 13 और निषाद पार्टी और ओम प्रकाश राजभर के 6-6 विधायक हैं। 277 विधायकों की संख्या के साथ एनडीए 7 उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने की स्थिति में है। हालांकि एनडीए (NDA) के पास 18 वोट और इंडिया ब्लॉक के आठ अतिरिक्त वोट शेष बचेंगे।
अप्रैल में सेवानिवृत्त होने वाले 9 भाजपा सदस्य अशोक वाजपेयी, अनिल जैन, अनिल अग्रवाल, कांता कर्दम, सकलदीप राजभर, जीवीएल नरसिम्हा राव, सुधांशु त्रिवेदी, हरनाथ सिंह यादव और विजय पाल तोमर हैं। जया बच्चन राज्यसभा से रिटायर होने वाली अकेली सपा सदस्य होंगी। राज्यसभा चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद दोनों खेमों में उम्मीदवारी के लिए जोरदार लॉबिंग शुरू हो गई है।