लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को एक्टिव करने के लिए कमर कस ली है। इसी को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत राज्य का दौरा करेंगे। भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के पास 140 सदस्यीय केरल विधानसभा में अभी एक भी सीट नहीं है।आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इस सप्ताह राज्य का दौरा करेंगे। वह राज्य में चुनिंदा स्थानों पर जायेंगे। सूत्रों ने कहा है कि यह दौरा मूलतः मूड भांपने और उसके मुताबिक रणनीति बनाने के लिए है।
राज्य में 20 लोकसभा सीटें हैं और 2019 के लोकसभा चुनावों में, केरल भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए 19 सीटों पर तीसरे स्थान पर रही और मात्र 15.64 प्रतिशत वोट शेयर हासिल कर सकी।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 47.48 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करते हुए 19 सीटें जीती। तत्कालीन सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे को 36.29 प्रतिशत वोट और एक सीट मिली।
2021 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा का वोट शेयर 2016 के विधानसभा चुनावों की तुलना में 2.60 प्रतिशत कम होकर 12.36 प्रतिशत तक पहुंच गया।
अभी जो हालात हैं, उससे लगता है कि बीजेपी के लिए लोकसभा में अपना खाता खोलना मुश्किल हो जाएगा।
संयोग से, केरल में भाजपा के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा भी स्वीकृत तथ्य गहरी जड़ें जमा चुकी गुटबाजी है। इसी लिहाज से आरएसएस सुप्रीमो के आगमन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है
इस दौरे से संभावित उम्मीदवारों की संख्या कम होने की भी उम्मीद है, हालांकि कई आशावादी भी हैं। ऐसी अटकलें हैं कि दिग्गज कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी लोकसभा चुनाव के लिए विचार किए जाने वाले नए लोगों में से एक होंगे।