लखनऊ में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच लाल बिहारी यादव का नाम आगे बढ़ रहा है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस पद के लिए शिवपाल यादव पर दांव नहीं लगाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही राम अचल राजभर और इंद्रजीत सरोज के नाम भी चर्चा में हैं, लेकिन लाल बिहारी यादव की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
सपा के विधान परिषद दल के नेता लाल बिहारी यादव ने उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। सपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी अब उन्हें इस पद पर आगे बढ़ाने का मन बना चुकी है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव पर दांव नहीं लगाने का निर्णय लिया है। इसके बजाय, पार्टी ने लाल बिहारी यादव को प्राथमिकता दी है, जिससे उनकी दावेदारी और मजबूत हो गई है।
विधान परिषद में सपा की कुल सदस्य संख्या अब 10 हो गई है। 5 मई को रिक्त हुए 13 पदों के चुनाव में सपा को 3 सीटें मिली, जिससे पार्टी की स्थिति मजबूत हुई है। इससे पहले, सपा के पास नेता प्रतिपक्ष के लायक सदस्य संख्या नहीं थी, लेकिन अब इस संख्या में वृद्धि के बाद पार्टी ने अपने उम्मीदवार को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
लाल बिहारी यादव का नेता प्रतिपक्ष बनना सपा के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पार्टी को उम्मीद है कि उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव से विधान परिषद में विपक्ष की भूमिका को मजबूती मिलेगी।