जम्मू-कश्मीर में कई घातक आतंकी हमलों के लिए वांछित लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष कमांडर की पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी।

अधिकारियों ने पड़ोसी देश से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि जिया-उर-रहमान उर्फ नदीम उर्फ अबू कतल उर्फ कतल सिंधी की शनिवार शाम पंजाब प्रांत के झेलम इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

उन्होंने बताया कि बंदूकधारियों ने रहमान के सुरक्षा गार्ड की भी हत्या कर दी। रहमान को लश्कर संस्थापक हाफिज सईद का भरोसेमंद सहयोगी माना जाता था। वह जम्मू-कश्मीर के पूंछ-राजौरी क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था।

अधिकारियों के मुताबिक, रहमान ने वर्ष 2000 की शुरुआत में जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ की थी और 2005 में वापस पाकिस्तान चला गया था। उसके पास पूंछ और राजौरी में आतंकवादियों के सहयोगियों का मजबूत नेटवर्क था। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की जांच में कई आतंकवादी वारदातों में रहमान की संलिप्तता की बात सामने आई थी।

केंद्रीय एजेंसी ने 2023 में राजौरी के डांगरी गांव में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमले से जुड़े मामले में उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था।

डांगरी गांव में आतंकियों ने एक जनवरी 2023 को अंधाधुंध गोलीबारी कर पांच लोगों की हत्या कर दी थी। हमलावरों ने घटनास्थल पर एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) भी छोड़ा था, जिसकी चपेट में आकर अगले दिन दो और लोगों की जान चली गई थी, जबकि 14 अन्य घायल हुए थे।

रहमान को नौ जून 2024 को दर्शन के लिए शिव खोड़ी मंदिर जा रहे श्रद्धालुओं की बस पर हुए हमले का मास्टरमाइंड भी बताया जाता था। इस हमले में नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी।

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