राजधानी लखनऊ में देश की पहली नाइट सफारी और नए चिड़ियाघर के स्थापना की सभी बाधाएं दूर हो गई हैं। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) ने कुकरैल के जंगलों में दोनों की स्थापना के लिए 15 मई को अनुमति पत्र जारी कर दिया है। इसे प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

कैबिनेट ने पिछले साल अगस्त में कुकरल में नाइट सफारी बनाने और राजधानी के चिड़ियाघर को भी वहीं स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। तभी से वन विभाग इनकी स्थापना के लिए सभी तरह की एनओसी हासिल करने व औपचारिकताएं पूरी करने में लगा हुआ था।

कुकरैल के जंगल 2027.46 हेक्टेअर में फेले हुए हैं। यहां 350 एकड़ में सिंगापुर की तर्ज पर देश की पहली नाइट सफारी तैयार होगी। 150 एकड़ में प्राणि उद्यान बनेगा। 1000 एकड़ जमीन ऐसी चिह्नित की गई है, जिससे वनक्षेत्र के मूल स्वरूप को कोई नुकसान नहीं होगा।

– दोनों परियोजनाओं पर करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। सीजेडए का अनुमति पत्र मिलने के बाद अब वन विभाग परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के सलाहकार की सेवाएं लेगा।

– सलाहकार नियुक्त करने के लिए भी खुली निविदा से प्रस्ताव मांगे जाएंगे। ये कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड में किए जाएंगे। यानी, जो फर्म नाइट सफारी व चिड़ियाघर की स्थापना का ठेका लेगी, उसे तय मानकों पर सभी काम खुद करना होगा। इसके लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे, क्योंकि कोई विशेषज्ञ एजेंसी अभी देश में इस काम के लिए मौजूद नहीं है।

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