लखनऊ में ‘फाइबर सेल ग्रिड’ तकनीक की सड़कें बनेगी। पीडब्ल्यूडी गोसाईंगंज के बेलीकला गांव से नई तकनीक की शुरुआत करेगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक लगभग 250 मीटर लंबी सड़क निर्माण में 7.50 लाख की लागत आएगी।

सुलतानपुर रोड स्थित गोसाईगंज क्षेत्र में बारिश के दौरान जलभराव हो जाता है। इससे सड़के खस्ताहाल हो जाती है। जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कत होती है। समस्या से निजात के लिए पीडब्ल्यूडी ने ‘फाइबर सेल ग्रिड’ पर सड़क निर्माण का निर्णय लिया। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के मुताबिक आरसीसी सड़क निर्माण के दौरान फाइबर टेक्सटाइल बिछाई जाती है। इससे थिकनेस कम होगी। सड़क मजबूत और टिकाऊ होगी। साथ ही सड़क निर्माण की लागत भी कम आएगी। उन्होंने बताया कि 250 मीटर सामान्य कंक्रीट की सड़क निर्माण में 8.25 लाख की लागत आती है, जबकि नई तकनीकी से 7.50 लाख लागत आयेगी। यदि प्रयोग सफल रहा तो ग्रामीण सड़कें इस तकनीक पर बनाई जाएगी।

देश के कई राज्यों में सेल ग्रिड सड़क बन चुकी हैं
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के मुताबिक एनएचएआई नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में फाइबर सेल ग्रिड तकनीक पर सड़क निर्माण कर चुका है। पीडब्ल्यूडी अगले हफ्ते से सड़क निर्माण का काम शुरू करेगा।

क्या है फाइबर सेल ग्रिड तकनीक
आरसीसी सड़क निर्माण के दौरान फाइबर टेक्सटाइल बिछाई जाती है। इससे थिकनेस कम होगी। सड़क मजबूत और टिकाऊ होगी। साथ ही सड़क निर्माण की लागत 25 फीसदी कम आयेगी।

पीडब्ल्यूडी अधिशासी अभियंता अनूप कुमार मिश्रा ने बताया कि गोसाईगंज के बेलीकला गांव में फाइबर सेल ग्रिड तकनीक पर सड़क निर्माण किया जाएगा। शुरूआत में तीन मीटर चौड़ी व 250 मीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा। जल्द निर्माणकार्य शुरू किया जाएगा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights