अर्थशास्त्र की प्रोफेसर और शोधकर्ता के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य डॉ शमिका रवि ने यूपीए2 और एनडीए सरकार के दौरान भारत की प्रगति और विकास की कहानी आंकड़ों के जरिए समझाने की कोशिश की है। उनके रिसर्च पेपर ‘पॉलिटिक्स इन एक्शन’ की मानें तो नरेंद्र मोदी के शासनकाल 2015-2020 के दौरान भारत में 18 प्रतिशत से अधिक विकास की दर देखी गई। शमिका रवि ने बताया है कि कैसे सेटेलाइट के डाटा से पता चला कि 2015-2020 के दरम्यान नरेंद्र मोदी के शासनकाल में विकास की दर 18% से अधिक रही है। उन्होंने पॉलिटिक्स इन एक्शन नाम से एक रिसर्च किया है। जिसे उन्होंने वीडियो के माध्यम से विस्तार से समझाया है। उनका ये वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर जारी किया गया है, जहां आप इसे देख सकते हैं।

वीडियो के जरिए शमिका रवि ने यूपीए-2 और एनडीए सरकार के कार्यकाल में किस तरह के विकास कार्य हुए हैं उसका तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया है। इस वीडियो में शमिका ने सेटेलाइट डाटा के आंकड़ों के हिसाब से बताया है कि यूपीए2 के 5 साल और नरेंद्र मोदी सरकार के 10 साल के दौरान देश में विकास की रफ्तार कैसी रही है और किस कार्यकाल में कितना तेज विकास हुआ है।

इस वीडियो में यह आंकड़ों के जरिए बताया गया है कि देश में आधारभूत ढांचा कैसे और कितना बढ़ा है। इस वीडियो में शमिका बताती हैं कि इस रिसर्च के लिए यूरोपियन कमीशन के सेटेलाइट के दिन के समय लिए गए हाई रेजोल्यूशन तस्वीरों और डाटा का इस्तेमाल किया गया है। जिसमें वह कोलकाता की सेटेलाइट से ली गई तस्वीर के जरिए समझा रही हैं। इसमें यहां का बिल्ट अप एरिया दिख रहा है और उन्होंने सेटेलाइट से प्राप्त डाटा को चुनाव आयोग के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के डेटा के साथ जोड़कर उसका अध्ययन किया है।

वह इस रिसर्च के जरिए बता रही हैं कि जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो मोदी सरकार के तहत वार्षिक विकास दर यूपीए के दो कार्यकालों की तुलना में बेहतर रही है। यूपीए 2 के दौरान जहां सड़कें, घर और अन्य आधारभूत ढांचों का 2.8 फीसदी की रफ्तार से निर्माण हुआ वहीं मोदी सरकार के दौरान 2015-20 तक यही विकास की रफ्तार 3.3 प्रतिशत की रही।

इसके साथ ही शमिका रवि ने इस वीडियो में बताया कि मोदी सरकार ने पिछड़े इलाकों का अधिक तेजी से विकास किया।

शमिका रवि के इस रिसर्च डाटा की मानें तो पूरे भारत में स्थानीय स्तर जैसे (जिलों, उप-जिलों और संसदीय क्षेत्रों) पर विकास दर का अध्ययन से यह पता चला कि पीएम मोदी के शासनकाल में विकास दर औसतन 18% से अधिक रहा। यह रिसर्च पेपर नरेंद्र मोदी सरकार के विकास की सोच को रेखांकित करती है। इसमें सड़क, बिजली, पेयजल, शौचालय और किफायती आवास जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं आमजन तक कैसे पहुंची इसको रेखांकित किया गया है। इसके अलावा इस रिसर्च में यह भी बताया गया है कि कैसे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की सुविधा देकर भ्रष्टाचार को कम किया गया है।

इसके साथ ही इसमें बताया गया है कि जिन निर्वाचन क्षेत्रों में सबसे अधिक (5 प्रतिशत) की दर से विकास हुआ है, वह देश के सबसे पिछड़े और अविकसित हिस्से हैं। यानी की सबसे तेज विकास देश के सबसे कम विकसित भागों में हुआ।

इस रिसर्च के आंकड़ों के जरिए शमिका ने बताया है कि एनडीए सरकार के तहत सबसे अधिक बुनियादी ढांचे के निर्माण का काम सबसे कम विकसित निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ है। इनमें 6.5 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि देखी गई है। जबकि यूपीए 2 के शासनकाल में इन हिस्सों में विकास दर बहुत कम रही या ना के बराबर थी। वहीं आंकड़ों से पता चलता है कि देश में ऐसे जिले भी हैं जो मोदी सरकार के कार्यकाल के तहत 10 प्रतिशत से अधिक तेजी से विकास कर चुके हैं।

वहीं, इसके साथ एनडीए के कार्यकाल में यूपीए 1 की तुलना में उप-जिला स्तर पर 31 प्रतिशत की विकास की वृद्धि देखी गई है। इस डाटा की मानें मोदी सरकार द्वारा देश के सबसे कम विकसित हिस्सों में आर्थिक गतिविधियों को तेज करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया जिसकी की वजह से यह तीव्र विकास गति का आंकड़ा सामने आया है।

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