कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि विपक्ष देश के सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सर्वदलीय बैठक में नहीं आना दुख की बात है। खरगे ने संवाददाताओं से कहा, “हम चाहते थे कि इस बैठक में प्रधानमंत्री जी पधारें और आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर अपनी बात रखें। लेकिन वह नहीं आए। पिछली बैठक में भी नहीं आए थे। यह बहुत दुख की बात है।” उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी दलों के लोग और दूसरे दलों के लोगों ने एक स्वर में कहा था कि वो हर कदम पर सरकार और सेना के साथ हैं।

खरगे ने कहा कि सभी ने यह मुद्दा उठाया कि सीमा के निकट लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए और जम्मू कश्मीर में जो लोग मारे गए हैं उनके परिवारों का ख्याल रखा जाए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान में सिर्फ आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा, “हमने पूरा समर्थन दिया है।” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी ने कहा कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए जिसका अच्छ संदेश जाएगा। खरगे का कहना था कि विशेष सत्र की मांग पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया।

सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और उसके बाद की स्थिति को लेकर सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं को जानकारी दी। गत 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और विपक्षी नेताओं की पिछले एक पखवाड़े में यह दूसरी बैठक थी। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर, जे पी नड्डा और निर्मला सीतारमण ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया, जबकि कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और द्रमुक के टी आर बालू तथा कई अन्य विपक्षी नेता शामिल थे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में शामिल अन्य विपक्षी नेताओं में समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिवसेना (उबाठा) के संजय राउत, राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले, बीजद के सस्मित पात्रा और माकपा के जॉन ब्रिटास शामिल रहे। इनके अलावा जद (यू) नेता संजय झा, केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान तथा एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी बैठक का हिस्सा थे।

पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में, भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों की हत्या के दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ये सैन्य हमले किए गए। इससे पहले सरकार ने पहलगाम हमले के बारे में सभी दलों के नेताओं को जानकारी देने के लिए 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।

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