कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर मानहानि से जुडे एक, दो नहीं बल्कि 6 मामले अभी चले रहे है। इन मामलों में अधिकांश की सुनवाई गुजरात की अदालतों में हो रही है। माना जा रहा है कि इन मामलों को लेकर राहुल गांधी
गुजरात के अहमदाबाद से भाजपा के एक निगम पार्षद कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने राहुल के खिलाफ मई 2019 में एक अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। ब्रह्मभट्ट ने याचिका में ये कहा कि राहुल ने जबलपुर में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह को हत्या का आरोपी बताया था। उनकी इस टिप्पणी को ब्रह्मभट्ट ने बहुत ही निंदात्मक बताया था। ब्रह्मभट्ट का कहना था कि 2015 में सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में शाह को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। अब मानहानि के केस की सुनवाई एक मजिस्ट्रेट अदालत में होने वाली है।
राहुल और सीताराम येचुरी के खिलाफ फरवरी 2019 में मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। महाराष्ट्र के आरएसएस कार्यकर्ता और वकील धृतिमान जोशी ने यह मामला दर्ज करवाया था। जोशी ने याचिका में कहा था कि पत्रकार गौरी की हत्या के 24 घंटे बाद राहुल ने ये बयान दिया था कि कोई आरएसएस और भाजपा की विचारधारा के खिलाफ बोलता है, तो उसे चुप कराने की कोशिश की जाती है। उसपर हमले कराए जाते हैं। यहां तक की उसे जान से भी मार दिया जाता है। शिकायतकर्ता ने येचुरी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि लंकेश दक्षिणपंथी राजनीति की तीखी आलोचना के लिए जानी जाती थी। लंकेश की हत्या के पीछे आरएसएस की विचारधारा और आरएसएस के लोग हैं। उसी साल नवंबर में, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पी आई ने राहुल और येचुरी की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने केस खारिज करने की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है।
राहुल पर 23 जून, 2018 के एक ट्वीट के आधार पर एक मामला दर्ज किया गया। कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट में ये कहा था कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक अमित शाह जी को बधाई, पुराने नोटों को नई दौड़ में बदलने में आपके बैंक को प्रथम पुरस्कार मिला 750 रुपये। पांच दिनों में करोड़! लाखों भारतीय जिनके जीवन को आपने नष्ट कर दिया, नोटबंदी आपकी इस उपलब्धि को सलाम करती है। शाह ज्यादा खा गया। राहुल के वकील अजीत जडेजा ने कहा है कि इस मामले में अभी पूछताछ जारी है। केस की अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी।
राहुल गांधी पर दिसंबर 2015 में असम में आरएसएस के एक स्वयंसेवक ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। स्वयंसेवक ने कहा था कि उन्हें असम के बरपेटा सतरा में जाने से ये कह कर रोक दिया गया था कि वो आरएसएस से जुड़े हुए हैं। उसी दौरान स्वयंसेवक संघ के सदस्य ने असम की स्थानीय अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। राहुल गांधी के वकील अंशुमन बोरा के मुताबिक यह मामला अभी भी स्थानीय अदालत में चल रहा है।
अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले राहुल गांधी पर नवंबर 2018 में महाराष्ट्र भाजपा नेता महेश श्रीश्रीमल ने कमांडर-इन-चोर वाले बयान को लेकर मानहानि का केस दर्ज करवाया था। कुछ दिनों की सुनवाई के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। महेश श्रीश्रीमल का ये कहना है कि राहुल गांधी ने बॉम्बे हाईकोर्ट से संपर्क किया था और शिकायत को रद्द करने की मांग भी की थी। इस मामले की सुनवाई भी अभी शुरू नहीं हुई है।
राहुल गांधी ने 6 मार्च, 2014 में महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ बताया था। उन्होंने पीटीआई.भाषा से बात करते हुए कहा था कि आरएसएस के लोगों नें गांधी जी को मारा था और वो आज गांधीजी की बात करते हैं। इस मामले में आरएसएस की भिवंडी इकाई के आरएसएस सचिव राजेश कुंटे ने राहुल के खिलाफ 2018 में मानहानि का केस दर्ज करवाया था। राजेश कुंटे ने कहा कि कांग्रेस नेता ने संघ की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान पर सवाल उठाया है। आपको बता कि इस मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है।