अयोध्या में विश्व विख्यात रामलला मंदिर में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ के सामने सुरक्षा के प्रबंध अपर्याप्त साबित हो रहे हैं। लॉकर की भारी कमी के कारण प्रतिबंध के बावजूद लोग गर्भगृह के पास तक मोबाइल, कैमरे और यहां तक की सामान से भरे बैग, बोरे, सूटकेस तक लेकर पहुंच रहे हैं। सभी डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर बंद पड़े हैं। इससे श्रद्धालुओं और उनके सामान की सुरक्षा की दृष्टि से जांच नहीं हो रही है।
बैग, मोबाइल, बेल्ट, पेन आदि रखने के लिए 30 हजार लॉकर हैं, लेकिन रोजाना आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में हैं। हर दिन सुबह मंगला आरती से रात शयन आरती तक औसतन करीब 4 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं। भारी भीड़ के चलते सुरक्षाकर्मी भी असहाय नजर आते हैं।
प्रयागराज महाकुंभ की त्रिवेणी में डुबकी लगाने आने वाले कई लोग भगवान राम के दर्शन को भी पहुंच रहे हैं, जिससे अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले कहीं अधिक है। सुरक्षा बल मंदिर के बाहर से करीब 11 कतार लगवा रहे हैं, लेकिन अंदर जाने के बाद जगह के अभाव में ये कतारें घट कर 5-6 ही रह जाती हैं।
सुबह 4 बजे की मंगला आरती में आम श्रद्धालुओं की एंट्री बंद है। केवल वीआईपी पासधारक ही शामिल हो सकते हैं। सुबह 6 बजे शृंगार आरती से रात 10 बजे शयन आरती तक आम श्रद्धालु दर्शन करते हैं। श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के समन्वयक शरद शर्मा के अनुसार, हर दिन करीब 4 से 5 हजार तक वीआईपी श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। राम मंदिर का सुरक्षा दस्ता स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स, सिविल पुलिस और यूपी पुलिस के श्रेष्ठ जवानों को मिलाकर तैयार किया गया है।
पुलिस अधीक्षक (सुरक्षा) बलरामाचार्य दुबे ने बताया कि किसी श्रद्धालु को परेशान नहीं होने दिया जा रहा है। सिविल पुलिस के साथ-साथ अर्ध सैनिक बलों ने भी सुरक्षा व्यवस्था संभाल रखी है। उपलब्ध संसाधनों का पूर्ण उपयोग किया जा रहा है।