साल 2010 में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अहम फैसला सुनाने वाली इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सुधीर अग्रवाल ने दावा किया कि उनपर निर्णय नहीं देने का दबाव था और कहा कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता, तो अगले 200 वर्षों तक इस मामले में कोई फैसला नहीं होता। आपको बता दें कि न्यायमूर्ति अग्रवाल 23 अप्रैल 2020 को हाईकोर्ट से रिटायर हो चुके हैं।