अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बने रहे रामलला के भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। भूतल का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और छत ढलाई का काम जारी है। ऐसे में राम भक्तों को सुकून पहुंचाने वाली खबर आई है क्योंकि रामलला की मूर्ति किन पत्थरों से बनेगी इस बात का संशय अब लगभग समाप्त हो गया है।

दरअसल कर्नाटक के मैसूर से आई श्याम वर्ण और राजस्थान से आई स्वेतवर्ण की शिलाओं का शुभ मुहूर्त में मूर्तिकारों ने पूजन किया है। जिन से रामलला की मूर्ति बनाने का काम शुरू होगा और सब कुछ ठीक रहा तो इन्हीं शिलाओं से बनी रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित की जाएगी।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला को गर्भगृह में स्थापित करने की तिथि मकर संक्रांति के आसपास बताई है। राम मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा कराने के लिए रामलला की आदमकद बालस्वरूप की प्रतिमा कर्नाटक के श्याम वर्ण या राजस्थान के श्वेतवर्ण की शिलाओं से होगा। जिसके लिए 2 शिल्पकार कर्नाटक से जीएन भट्ट और जयपुर से सत्य नारायण पांडेय अयोध्या पहुंच चुके हैं। दोनों मूर्तिकारों ने शुभ मुहूर्त में उस स्थल का पूजन किया, जहां पर रामलला की मूर्ति का निर्माण होगा। हालांकि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि अभी काम शुरू हुआ है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि इन्हीं शिलाओं से रामलला की मूर्ति बनेगी।

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