अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा करवाने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधन हो गया। पंडित लक्ष्मीकांत ने 86 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वह कई महीनों से बीमार चल रहे थे। उनकी मौत से हर जगह शोक की लहर है। मिली जानकारी के अनुसार पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का अंतिम संस्कार वाराणसी स्थित मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा।

आचार्य लक्ष्मीकांत की गिनती काशी में यजुर्वेद के बड़े विद्वानों में होती थी। वह वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे। इस विश्वविद्यालय की स्थापना काशी नरेश के सहयोग से की गई थी।
22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 121 पुजारियों की टीम ने किया था। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित 121 वैदिक ब्राह्मणों का नेतृत्व करने वाले मुख्य पुजारिओं में से एक थे। इसके साथ ही वह आयोध्‍या में बने नवनिर्मित मंदिर में पूजन के लिए शामिल हुए थे। इसके अलावा वो दिसंबर 2021 काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के पूजन में भी शामिल हुए थे।

पंडित लक्ष्मी कांत दीक्षित की निधन पर सीएम योगी ने शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का गोलोकगमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके शिष्यों और अनुयायियों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights