सपा नेता रामगोपाल यादव और राजद प्रमुख लालू यादव के बयानों पर सीएम योगी ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का चरित्र हिंदू और राम विरोधी है। विपक्षी दलों के नेता रामभक्तों पर गोली चलाने वाले श्रीराम के अस्तित्व को नकारने और मर्यादा प्रभु श्रीराम की ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने वाले लोग हैं। यह भारत की आस्था, भारत के राष्ट्र नायकों का सम्मान कर सकें, आजादी के आंदोलन में योगदान देने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति श्रद्धा का भाव रख सकें। इन लोगों से ऐसी उम्मीद करना बेईमानी है।

सीएम योगी ने कहा, “कांग्रेस, सपा, डीएमके, राजद, नेशनल कॉन्फ्रेंस एक ही थैली के चट्टे- बट्टे हैं। यह लोग हमेशा से अयोध्या में राम मंदिर का विरोध करते रहे हैं। इनकी भावनाएं हिंदुओं और भारत की आस्था के विरोध में रहती है। इनका चरित्र तुष्टीकरण की नीति को पोषित करने वाला है। यह आतंकवाद समर्थक हैं और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों के विपरीत आचरण करते रहे हैं। ऐसे लोगों से इससे अधिक उम्मीद नहीं की जा सकती है, लेकिन यह लोग जान लें कि ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने का मतलब- विनाश काले, विपरीत बुद्धि। इनका वास्तविक चरित्र जनता-जनार्दन समझ रही है।”
सीएम योगी ने आगे कहा, “कांग्रेस और इंडी गठबंधन से जुड़े लोगों ने शुरू से प्रयास किया कि अयोध्या में राम मंदिर के मामले में न्यायालय से फैसला न आने पाए। यह लोग रामद्रोहियों का साथ देते रहे और बैरियर बनकर रोड़े अटकाते थे। जब मामला उच्चतम न्यायालय में गया, तब सात-आठ वर्षों तक इन लोगों ने कुछ नहीं होने दिया पर जब पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र, फिर राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो इस प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाया गया। इस पर उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ।”
सीएम योगी ने कहा, “रामगोपाल यादव का बयान सपा और कांग्रेस के साथ इंडी गठबंधन की वास्तविकता को प्रदर्शित करता है। यह लोग वोट बैंक के लिए न केवल भारत की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि प्रभु श्रीराम की ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने का काम कर रहे हैं। इतिहास गवाह है कि जिसने भी ईश्वरीय सत्ता को चुनौती दी है, उसकी दुर्गति हुई है। रामगोपाल यादव का बयान सनातन आस्था के साथ खिलवाड़, कोटि- कोटि रामभक्तों का अपमान है। जिन लोगों ने पूरा जीवन राम मंदिर के लिए समर्पित किया है, उनकी आस्था पर कुठाराघात है। भारतीय समाज इसे कतई स्वीकार नहीं कर सकता। इनका बयान चिढ़ाने वाला है। तुष्टीकरण की नीति पर चलकर वोट बैंक को बचाए रखने की कवायद की जा रही है।”

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