लखनऊ: उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मंगलवार को मतदान सुबह नौ बजे शुरू हो गया जो शाम चार बजे तक चलेगा। विधान भवन के तिलक हाल में जारी मतदान में 403 सदस्यीय सदन के करीब 399 विधायक राज्यसभा के लिए द्विवार्षिक चुनाव में वोट डालेंगे। मतदान के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है। BSP के विधायक BJP को वोट करेंगे। BSP विधायक उमाशंकर सिंह भाजपा को अपना समर्थन देंगे।
बता दें कि दस सीटों के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आठ और समाजवादी पार्टी (सपा) के तीन उम्मीदवार मैदान में हैं। भाजपा ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, संगीता बलवंत, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, तेजवीर सिंह, नवीन जैन और संजय सेठ को मैदान में उतारा है जबकि मुख्य विपक्षी दल सपा ने मौजूदा राज्यसभा सांसद जया बच्चन, पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और पूर्व मंत्री रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से देखें तो सपा के लिए तीनों उम्मीदवारों को जिताना आसान नहीं होगा।
403 सीटों वाले सदन में सपा के 108 सदस्य हैं और एक उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए पाटर्ी को कम से कम 37 सदस्यों के वोट की जरूरत है। इसके अलावा इसके दो सदस्य फिलहाल जेल में बंद हैं। जयंत चौधरी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के विधानसभा में नौ सदस्य हैं। रालोद के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने के बाद सपा को अपने तीसरे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए वोटों की कमी होने वाली है। सदन में दो सदस्यों वाली कांग्रेस अगर सपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट भी कर दे तो भी उसके पास वोटों की कमी रहेगी। पने स्वयं के 252 विधायकों और रालोद सहित सहयोगी दलों के सदस्यों के समर्थन के साथ, भाजपा के पास 10 वोटों की भी कमी है।
सत्तारूढ़ दल को अपने सहयोगियों अपना दल (सोनेलाल) के 11 विधायकों, निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के 6-6 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। अगर रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ के दो विधायक भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन करते हैं तो भी पार्टी को आठ अतिरिक्त वोटों की जरूरत होगी। 403 सदस्यों के सदन में चार सीटें मौजूदा विधायकों के निधन से खाली हैं। एक बड़े घटनाक्रम में केवल एक सदस्य वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है।