पॉक्सो अदालत-3 ने अपनी नाबालिग बेटी से बार-बार बलात्कार करने के जुर्म में एक पिता को आजीवन जेल में रहने की सजा सुनाई और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
यहां की एक पॉक्सो (यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण) अदालत ने गुरूवार को 55 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग बेटी से बार-बार बलात्कार करने का दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने सात महीने की सुनवाई के बाद दोषी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
न्यायाधीश ने रामचरितमानस की एक चौपाई उद्धृत करते हुए राष्ट्रीय स्तर की मल्लखंब खिलाड़ी पीड़िता को उसके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
अदालत ने इस अपराध को मानवता के लिए सबसे शर्मनाक करार देते हुए कहा कि दोषी पिता को आजीवन जेल में अपने अपराध पर पछतावा होगा।
लोक अभियोजक ललित कुमार शर्मा ने कहा कि पॉक्सो अदालत-3 ने अपनी नाबालिग बेटी से बार-बार बलात्कार करने के जुर्म में व्यक्ति को आजीवन जेल में रहने की सजा सुनाई और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
पीड़िता अब 21 साल की है। उसने अपने पिता पर 14 साल की उम्र से उससे बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था।