लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते बुधवार को राज्य में हो रहे विकास कार्य की समीक्षा करने के लिए बैठक की। इस बैठक में उनके साथ मंत्रीगण, विभागीय अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव और अधिकारी शामिल थे। सीएम ने उनसे बातचीत की और जानकारी ली। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के लिए निर्देश भी जारी किए। इसी बैठक में उन्होंने H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के बढ़ रहे मामलों पर भी चिंता जताई।
GIS-2023 की अभूतपूर्व सफलता के बाद निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन पर मुख्यमंत्री योगी का फोकस है। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि, अधिकारी एक-एक निवेशक से संवाद करें और हर निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतारें। यह सुनिश्चित किया जाए कि निवेशकों से जुड़ी कोई भी फाइल अनावश्यक लंबित न रहे। औद्योगिक विकास आयुक्त स्तर से एमओयू की साप्ताहिक विभागवार समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित हो रहीं औद्योगिक इकाइयों/कंपनियों को स्किल्ड/सेमी स्किल्ड/अनस्किल्ड मैनपावर की आवश्यकता होगी।
बैठक में सीएम योगी ने राजधानी के रूप में लखनऊ की क्षमताओं को विस्तार देने के उद्देश्य से लखनऊ और आसपास के जिलों को जोड़ते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर ‘राज्य राजधानी क्षेत्र’ का शीघ्र गठन करने के निर्देश दिए। राजधानी में आज मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है। उन्होंने कहा कि वाराणसी व आस-पास के जिलों के लिए एकीकृत विकास योजना तैयार करें।
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर प्राधिकरणों में अर्बन टाउन प्लानर की तैनाती होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी कार्यालयों में ही जनसुनवाई करें और आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान करें। सीएम ने काशी के मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र सहित अयोध्या में राम की पैड़ी व नया घाट पर स्वच्छता के निर्देश दिए है। साथ ही उन्होंने दशकों पुराने जर्जर माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना विकास कार्य की रिपोर्ट मांगी है। सीएम ने कहा कि, लोगों को सही और समय पर बिजली बिल दिए जाएं।
सीएम योगी ने राज्य में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के बढ़ रहे मामलों पर भी चिंता जताई है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से कहा है कि, सभी जिलों के अस्पतालों में H3N2 इन्फ्लूएंजा के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। हर रोगी की सघन निगरानी की जाए और दैनिक मॉनिटरिंग की जाए। सभी अस्पतालों में 10-10 बेड के आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएं और सैंपल की जांच के लिए जिन 13 लैब में व्यवस्था की गई है और रोगियों का बेहतर इलाज किया जाए।