उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। सत्तारूढ़ दल ने बाढ़, सूखे समेत हर मुद्दों पर चर्चा को कहा है।

वहीं मुख्य विपक्षी दल सपा ने मणिपुर की घटना पर निंदा प्रस्ताव लाने की रणनीति तैयार की है। इससे सदन में हंगामे की पृष्ठभूमि तैयार हो गई है।

सत्र में राज्य सरकार विभिन्न अध्यादेशों के प्रतिस्थानी विधेयक लाएगी। उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक, 2023 समेत कुछ अन्य विधेयकों को पारित कराएगी। सत्र के दौरान विपक्ष कानून व्यवस्था, अपराध, महंगाई, निराश्रित पशुओं और किसानों की समस्याओं के मुद्दों पर विपक्ष को घेरने पर आमादा होगा।

विधानमंडल के मानसून सत्र में पहले दिन प्रश्नकाल के बाद करीब 13 विधेयक सदन के पटल पर रखने की तैयारी है। इसमें विधानसभा की नई नियमावली भी पेश की जाएगी। लेकिन, समाजवादी पार्टी ने मणिपुर की घटना सहित प्रदेश से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। सत्ता पक्ष शायद ही ऐसा स्वीकार करे। सपा के सदस्य मणिपुर की घटना तथा महंगाई व बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर हंगामा और नारेबाजी कर सकते हैं।

रविवार को आयोजित कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सदन की कार्यवाही फिलहाल शुक्रवार तक संचालित करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बीते कुछ समय से विधानसभा सकारात्मक चर्चा और सृजनात्मकता के लिए जानी जाती है। तमाम मतभेदों के बाद भी यूपी विधानसभा में अच्छी चर्चा होती है। उन्होंने विपक्ष से सदन में चर्चा-परिचर्चा की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने में योगदान देने का आग्रह किया।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने 18 वीं विधानसभा के वर्ष 2023 के द्वितीय सत्र के सुचारु संचालन के लिए सर्वदलीय बैठक की। इसमें उन्होंने सभी दलीय नेताओं से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि ससंदीय व्यवस्था में संवाद और सकारात्मक चर्चा-परिचर्चा के माध्यम से लोकतंत्र मजबूत होता है। सभी दलीय नेताओं ने अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग का आश्वासन दिया।

अठारहवीं विधान सभा के ऐसे सदस्य] जो अभी तक सदन में मौन रहे हैं, मानसून सत्र में उन्हें भी विधानसभा मंडप में पहली बार बोलने का मौका मिलेगा। ऐसे विधायकों की संख्या 39 है। इनमें 23 सदस्य भाजपा, 15 सपा और एक अपना दल (एस) के हैं। सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री ने इसे एक सकारात्मक पहल बताया और कहा कि प्रत्येक सदस्य के पास नई सोच होती है। अपनी बात विचारों के माध्यम से व्यक्त करते हैं, तो उससे हमें भावी योजना बनाने में मदद मिलती है।

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