उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उप चुनाव को लेकर गठबंधन दलों में टिकटों को लेकर तकरारें शुरू हो गई है।
इस चुनाव के जरिए हर दल कुछ ऐसा प्रदर्शन करना चाहता है जो 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए एक संदेश दे सके। यहां विधानसभा की 10 सीटें खाली हुई हैं, जिन पर उपचुनाव का ऐलान हो चुका है। सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाकर लड़ रही समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर फिर से तनातनी की स्थिति बनती दिख रही है। इस साल लोकसभा चुनाव से पहले ही गठजोड़ में आए दोनों दल फिर से आंखें तरेरते दिखाई पड़ रहे हैं।
दरअसल समाजवादी पार्टी ने 7 सीटों पर प्रत्याशी फाइनल कर लिए हैं। इसमें मिल्कीपुर सीट को लेकर कोर्ट में पेंडिंग पुराने मामले की वजह से अभी उपचुनाव का ऐलान नहीं हुआ है। अभी गाजियाबाद और खैर सीट पर कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि सहयोगी कांग्रेस के लिए ये सीटें खाली छोड़ी गई हैं। इसके अलावा कुंदरकी सीट पर भी प्रत्याशी का ऐलान नहीं हुआ है।
हालांकि कांग्रेस खेमा संतुष्ट नहीं है। कांग्रेस यूपी में कम से कम 5 सीटों पर दावा ठोक रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस ने साफ कह दिया है कि सीट बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने पर ना ही चुनाव लड़ेंगे और ना ही प्रचार करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि बिना विश्वास में लिए ही सपा की तरफ से 7 सीटों पर कैंडिडेट उतारे गए हैं। कांग्रेस को 5 सीटों से कम पर बात नहीं बनेगी। इससे पहले यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी यूपी में 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सपा और कांग्रेस में सीट शेयरिंग के मुद्दे को लेकर कहा कि केंद्रीय शीर्ष नेतृत्व इस पर बात कर रहा है। हमने 5 सीटों पर अपना प्रस्ताव दिया है। केंद्रीय नेतृत्व जो फैसला लेगा, हम उसी के अनुसार काम करेंगे।