आदित्यनाथ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि झांकी की सजावट, जुलूस के मार्ग और गैर-पारंपरिक आयोजनों को लेकर अक्सर विवाद उत्पन्न होते हैं। ऐसे विवादों को रोकने के लिए उन्होंने अधिकारियों को इन मामलों को संवेदनशीलता से संभालने का निर्देश दिया। इसके अलावा, उन्होंने विवादों से बचने के लिए दूसरे समुदायों के धार्मिक स्थलों के पास जुलूस के दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल ना करने पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा के महानिदेशक जेल राम शास्त्री ने भी राज्य की सभी जेलों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने के आदेश जारी किए हैं। आदित्यनाथ ने त्योहार के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
उन्होंने जिला अधिकारियों से पुलिस लाइन्स और जिलों में इस्कॉन मंदिरों में आयोजित बड़े पैमाने पर कार्यक्रमों में प्रभावी सुरक्षा उपाय और यातायात प्रबंधन करने का आह्वान किया। इन कार्यक्रमों में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित भक्तों की महत्वपूर्ण भागीदारी देखी जाती है।
जुलूसों के दौरान सुरक्षा बढ़ाने के लिए आदित्यनाथ ने इन आयोजनों की वीडियोग्राफी के आदेश दिए। उन्होंने सुनिश्चित किया कि जुलूस मार्गों और आयोजन स्थलों पर सभी सीसीटीवी कैमरे चालू हों। प्रमुख संवेदनशील क्षेत्रों पर निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे भी तैनात किए जाने चाहिए।
सुबह की गश्ती इकाइयों (पोस्टर पार्टियों) को यह सुनिश्चित करने के लिए गहन जांच करनी चाहिए कि सार्वजनिक क्षेत्रों में कोई आपत्तिजनक पोस्टर प्रदर्शित न हो। आदित्यनाथ ने सभी जिलों में पुलिस दलों द्वारा नियमित गश्त करने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को इस त्यौहार को गरिमा और खुशी के साथ मनाने की परंपरा की याद दिलाई। उन्होंने पुलिस आयुक्तों, जिला प्रभारियों और कमांडरों को पहले से ही सभी नियोजित कार्यक्रमों की बारीकी से निगरानी करने का निर्देश दिया। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उत्सव के दौरान कोई भी अभद्र या अश्लील गीत या नृत्य न हो।
आदित्यनाथ के निर्देशों का उद्देश्य श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समारोह के दौरान सद्भाव बनाए रखना तथा सावधानीपूर्वक योजना और निगरानी के माध्यम से सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।