मुरादाबाद में आई फ्लू का फैलना तेजी से जारी है। सोमवार सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक सीएचसी बिलारी में मरीजों की लंबी-लंबी लाइन देखने को मिली। छोटे बच्चों से लेकर नौजवान, महिलाएं और पुरुष आई फ्लू से परेशान नजर आए। मरीजों से बात करने पर पता चला कि 4 या 5 दिन से ही ज्यादातर आंखों में समस्या आ रही है।
सीएचसी प्रभारी हरीश चंद्र ने बताया कि इस बीमारी से बचने के उपाय है कि ठंडे पानी से आंखों को धो सकते हैं साथ ही मोबाइल कम यूज करें। उन्होंने कहा कि धूप में ज्यादा न निकलें। कहा कि यह बीमारी एक दूसरे के वस्त्र इस्तेमाल करने से भी हो सकती हैं। उन्होंने कहा की सरकार की ओर से दी गई दवाइयां जनता तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। अधिकतर लोगों को गांव की आशाओं से सूचित करा दिया गया है कि इस बीमारी से सतर्क रहें।यदि किसी को दिक्कत होती है तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर संपर्क करें और दवाइयां लें।
आई फ्लू से बचने का सबसे कारगर तरीका है अपने हाथों की और अपने आस पास की सफाई रखना। आई फ्लू का इंफेक्शन हाथों के जरिए सबसे ज्यादा फैलता है, इसलिए हाथों को बार-बार धोने की सलाह दी जाती है।अगर किसी आई फ्लू वाले व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं और इसका शिकार हो जाते हैं सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें.।कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं तो उसका उपयोग कुछ समय के लिए बंद कर दें। लोगों के बीच में कुछ दिन न जाएं। पूल और पार्टियों से भी दूर रहें।
आई फ्लू का इलाज इस बात निर्भर करता है कि वो किस तरह का आई फ्लू है। अगर वायरल आई फ्लू है तो वो सेल्फ लिमिटिंग टाइप का आई फ्लू होता है जो समय के साथ ठीक हो जाता है। लेकिन उसमें भी पेन रिलिवर और जरूरी दवाएं दी जाती हैं। बैक्टीरियल और एलर्जिक आई फ्लू की जांच के बाद उसका ट्रीटमेंट किया जाता है। इसके साथ ही आंखों में ठंडी सिकाई भी की जा सकती है।
दरअसल, सीएचसी बिलारी मात्र एक ही आंखों का अस्पताल है, जिससे आई फ्लू के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि इस समय आई फ्लू की समस्या बढ़ती नजर आई है। इसी को देखते हुए सोमवार को जिले के सभी अस्पतालों में आई फ्लू से संबंधित मामले काफी बढ़े हैं। सीएमओ ने जिले के सभी सीएचसी एवं स्वास्थ्य उप केंद्र से लेकर सभी अस्पतालों में डॉक्टरों को सख्त निर्देश दिए हैं।