अक्सर देखने में आता है कि गलती से भी अगर किसी से कोई अपराध हो जाए, कोई जेल चला जाए तो उसका सामाज की मुख्य धारा में वापस लौटना मुश्किल हो जाता है। जेल से छूटने वाले लोगों को रोजगार मुश्किल से मिलते हैं और वकील से लेकर अन्य खर्चों की वजह से कई बार ये आरोपी बगैर चाहते हुए भी जरायम की दुनिया में आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अगर कोई आरोपी अपराधी, अपराध छोड़ना चाहता है तो पुलिस उसकी मददगार बनेगी।

यह पहल यूपी के गाजियाबाद से की गई है। गाजियाबाद पुलिस ने पिछले दस वर्षों में अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले सभी आरोपी अपराधियों को उनके संबंधित थानों पर बुलाया है। थाने पर बुलाकर पुलिस इनसे बात करेगी और पूछेगी कि वर्तमान में क्या कर रहे हैं ? इसी दौरान इनकी काउंसलिंग भी की जाएगी। जो लोग अपना रोजगार कर रहे हैं और परिवार को पाल रहे हैं उनकी वेरिफिकेशन करके उन्हे भरोसा दिलाया जाएगा कि वह निश्चिंत होकर अपना काम करते रहें उन्हे किसी झूठे मामले में या शक के आधार पर बार-बार नहीं उठाया जाएगा ना ही परेशान किया जाएगा।

 

इतना ही नहीं ऐसे आरोपी अपराधी जो अपराध की दुनिया से तो तौबा करना चाहते हैं लेकिन समाज उन पर भरोसा नहीं कर रहा है, मसलन उन्हे रोजगार नहीं मिल रहा है तो ऐसे मामलों में पुलिस इनकी मदद बनेगी कुछ स्पेशल मामलों में जमानती भी बनेगी। यानी साफ है कि पुलिस ऐसे लोगों को रोजगार के अवसर दिलवाएगी। गाजियाबाद पुलिस की यह पहल तारीफ के काबिल है लेकिन यह तभी सफल होगा जब आरोपी अपराधी भी सच्चे मन से इस पहल का लाभ लेंगे। इसलिए पुलिस पहले थाने बुलाकर आरोपियों की काउंसलिंग करेगी, उनका पिछला एक साल का रिकार्ड देखा जाएगा। यदि इस अवधि में किसी मामले में उनकी संदिग्धता सामने नहीं आती तो उन्हे जरायम की दुनिया से निकालकर समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए हर सार्थक प्रयास पुलिस की ओर से ही किए जाएंगे।

 

इसी क्रम में रविवार को गाजियाबाद कमिश्नरेट के अलग-अलग थानों में पिछले दस वर्षों में जरायम की दुनिया में कदम रखने वाले चेहरों को बुलाया गया। यहां जनप्रतिनिधियों को भी बुलाया गया था। फिर एक संवाद हुआ और इस संवाद के बाद इन सभी आरोपियों से शपथ दिलाई गई कि अब जरायम की दुनिया में कभी कदम नहीं रखेंगे। पुलिस की इस पहल की लोग तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं कि इससे अपराधी नहीं बल्कि समाज से अपराध को खत्म करने में मदद मिलेगी।

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