उत्तर प्रदेश में अब शिक्षा को सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि एक जरूरी काम की तरह लिया जा रहा है. पहले जहां स्कूलों की हालत ठीक नहीं थी, अब वहां सुधार किया जा रहा है. नए कॉलेज और विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं. बच्चों को डिजिटल पढ़ाई से जोड़ा जा रहा है ताकि वे नए जमाने की तैयारी कर सकें. स्कूलों में बिल्डिंग, बेंच, टॉयलेट जैसी जरूरी चीजों को बेहतर बनाया जा रहा है. लड़कियों को पढ़ाई में मदद देने के लिए स्कूटी योजना शुरू की गई है, जिसमें 400 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इन सब बदलावों से अब पढ़ाई आसान और बेहतर हो रही है. यूपी में शिक्षा की बेहतरी के लिए जो कदम उठाए गए हैं, वो हैं.

आज की तारीख में ऑपरेशन कायाकल्प अब एक बड़ा अभियान बन चुका है, जिसमें यूपी के ज़्यादातर स्कूल शामिल हुए हैं. इन स्कूलों में अब बच्चों के लिए टॉयलेट, साफ पीने का पानी, खेलने के मैदान, स्मार्ट क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं मौजूद हैं. सरकार हर साल 1.91 करोड़ बच्चों के माता-पिता के बैंक खाते में पैसे भेज रही है, ताकि बच्चे यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते और बैग खरीद सकें.

हर विधानसभा में बनेगा मॉडर्न स्कूल
मुख्यमंत्री ने तय किया है कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ा और मॉडर्न स्कूल बनाया जाएगा, जिसे मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय कहा जाएगा. ये स्कूल एक ही कैंपस में नर्सरी से 12वीं तक की पढ़ाई की सुविधा देंगे. हर स्कूल में साइंस लैब, कंप्यूटर लैब, स्टेडियम और मल्टीपर्पज हॉल भी होंगे. इन स्कूलों को अटल आवासीय विद्यालय की तरह बनाया जाएगा, जहां बच्चों को एक ही जगह पर पढ़ाई के साथ-साथ सभी ज़रूरी सुविधाएं मिलेंगी. इन स्कूलों को बनाने में करीब 25 से 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

प्रोजेक्ट अलंकार उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए शुरू किया गया है. इस योजना का मकसद है कि राज्य के 2,441 सरकारी इंटर कॉलेजों में ज़रूरी सभी सुविधाएं पूरी की जाएं. इसके तहत स्कूलों में नई क्लासरूम, लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, स्मार्ट क्लास, साफ पानी और टॉयलेट जैसी ज़रूरी चीज़ें दी जा रही हैं. इसका मकसद है कि बच्चों को पढ़ाई के लिए अच्छा और साफ-सुथरा माहौल मिल सके.

नए आधुनिक स्कूलों का इंतजाम
पीएम श्री योजना के तहत 1,500 से ज्यादा स्कूलों में नए और आधुनिक इंतजाम किए जा रहे हैं. करीब 6,500 स्कूलों को फिर से बनाया जा रहा है ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए अच्छा माहौल मिल सके. इसके अलावा 57 बड़े स्कूलों जिसको कंपोजिट विद्यालय कहा जाता है के लिए बजट भी पास किया गया है, जहां एक ही जगह पर नर्सरी से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई हो सकेगी.

बात करें कस्तूरबा गांधी स्कूल तो पहले ये सिर्फ 8वीं तक की पढ़ाई के लिए थे, लेकिन अब इन्हें 12वीं तक बढ़ा दिया गया है ताकि गरीब और ज़रूरतमंद लड़कियां आगे भी पढ़ सकें. वनटांगिया गांवों में पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए 22 प्राथमिक और 11 जूनियर स्कूल बनाए गए हैं, जिससे गांव के बच्चों को भी पढ़ाई का मौका मिला है. अटल आवासीय विद्यालयों में बच्चों को एक ही जगह पर रहने, पढ़ने और अच्छी सुविधाओं के साथ पढ़ाई करने का मौका दिया जा रहा है.

इन जिलों में बनाए जा रही यूनिवर्सिटी
आज उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मीरजापुर, देवीपाटन और मुरादाबाद में नए विश्वविद्यालय बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन में पढ़ाई शुरू भी हो चुकी है. इसके अलावा 150 आईटीआई में अब एआई, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और रोबोटिक्स जैसे नए जमाने के कोर्स शुरू किए गए हैं. साथ ही 62 नए आईटीआई भी बनाए गए हैं ताकि ज्यादा युवाओं को ट्रेनिंग मिल सके. संस्कृत शिक्षा को भी बढ़ावा दिया गया है. अब पहली बार पूर्वा से आचार्य स्तर तक छात्रवृत्ति दी जा रही है और संस्कृत विश्वविद्यालयों को भी मान्यता मिल रही है.

डिजिटल क्रांति के तहत योगी सरकार ने 2 करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट देने का प्लान बनाया है, जिनमें से अब तक 50 लाख युवाओं को ये डिवाइस मिल भी चुके हैं. इसके साथ ही, युवाओं में अनुशासन और देशभक्ति बढ़ाने के लिए अलग-अलग अकादमियों और स्कूलों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है.

होनहार लड़कियों के लिए सरकार ने 2025-26 के बजट में रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना शुरू करने का ऐलान किया है. इसके तहत उत्तर प्रदेश की होनहार लड़कियों को फ्री में स्कूटी दी जाएगी. इस योजना के लिए सरकार ने 400 करोड़ रुपये रखे हैं. इसका मकसद है कि गांव और दूर-दराज़ की लड़कियां अब बिना किसी आने-जाने की परेशानी के आसानी से कॉलेज जा सकें और अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें.

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