उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने इस बार पर्चा लीक को रोकने के लिए कड़ी व्यवस्था की थी। इस बार की परीक्षा में तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के साथ पर्चे प्रिंटिंग प्रेस से परीक्षा केन्द्रों तक भेजे गये। इसके बावजूद, पेपर लीक करने की साजिश रची गई थी, लेकिन वह कड़ी निगरानी की वजह से नाकाम रही।
67 जिलों के 1174 परीक्षा केन्द्रों में 61 अभ्यर्थी संदिग्ध पाए गये। उनके बारे में पूरा ब्योरा जुटाया जा रहा है। आगरा, महाराजगंज, ललितपुर, रायबरेली से 4 और गोरखपुर से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, मुजफ्फरनगर में लापरवाही बरतने पर चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण अपनी टीम के साथ 20 दिन से पर्चा केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था में लगे रहे। पेपर लीक को रोकने के लिए गाड़ियों के सेंटर तक पहुंचने और उसमें से पर्चा निकालने के लिए कोडिंग की गई थी। 23 अगस्त को पहले दिन की परीक्षा सकुशल हुआ। आपको बता दें कि पुलिस भर्ती परीक्षा 24, 25, 30 और 31 अगस्त को होना बाकी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी पुलिस परीक्षा में करीब 32 प्रतिशत अभ्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पोस्ट कर लिखा, “उप्र पुलिस भर्ती परीक्षा में लगभग 1/3 अभ्यर्थियों ने परीक्षा ही नहीं दी, सरल भाषा में कहा जाए तो हर 3 में से 1 अभ्यर्थी ने परीक्षा नहीं दी। इसका कारण भाजपा राज में परीक्षा-व्यवस्था से उठ चुका भरोसा है या भाजपा सरकार से नाउम्मीदगी है या इसका कारण कुछ और है, ये गहरे अध्ययन का विषय है।”

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