लखनऊ:  लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहे जाने वाले निकाय चुनाय चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने छोड़े-बड़े नेताओं की फौज मैदान में उतार दी। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला। योगी आदित्यनाथ ने दो चरणों में हुए नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर महज 13 दिन में ही 50 स्थानों पर धुआंधार चुनावी रैलियां कीं। मुख्यमंत्री ने इन रैलियों के जरिए विपक्षी दलों को नगर निकायों में भाजपा की ताकत का अहसास भी करा दिया।

पहले चरण में मुख्यमंत्री ने 7 दिन में 28 और दूसरे चरण में 6 दिन में 22 स्थानों पर रैलियों व सम्मेलनों को संबोधित किया। योगी ने गोरखपुर में 4, लखनऊ में 3, अयोध्या और वाराणसी में 2-2 स्थानों पर जनसंवाद किया। इस तरह महज 13 दिन में ही मुख्यमंत्री ने यूपी के सभी 18 मंडलों और 17 नगर निगम क्षेत्रों को खंगाल डाला। दूसरे चरण के आखिरी दिन चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री ने भाजपा प्रत्याशियों के लिए कानपुर, बांदा व चित्रकूट में समर्थन मांगा। दूसरे चरण का मतदान 11 मई और दोनों चरणों के सभी 75 जिलों की मतगणना 13 मई को होगी। योगी आदित्यनाथ ने पहले चरण के लिए 7 दिन में 28 जगहों पर सम्मेलन व रैली कीं। वहीं दूसरे चरण में भी वह सातों नगर अपील भी की। निगम क्षेत्र की सीटों पर पहुंचे।-

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मुख्यमंत्री आमजन से सदैव संवाद करते हैं। इस चुनाव में भी योगी की संवाद शैली काफी कारगर रही। उन्होंने महज 13 दिन में जहां इतनी रैलियां कीं, वहीं सपा-बसपा और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों को चुनाव प्रचार में अता-पता नहीं था। 24 अप्रैल से 9 मई के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में दो विशेष सम्मेलन व दो जनसभा की। वाराणसी में एक सम्मेलन व एक जनसभा की। वहीं लखनऊ में भाजपा प्रत्याशी के लिए योगी ने तीन रैली कर कमल खिलाने की अपील भी की।

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