अयोध्या: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य व इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फ़िरंगी महली ने यूनीफॉर्म सिविल कोड को देश के लिए ठीक नहीं बताया है। उन्होंने कहा है कि भारत के संविधान में सभी को अपने धर्म और मान्यताओं के पालन की इजाजत दी गई है ऐसे में संविधान से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस्लाम का संदेश आपसी सौहार्द और मोहब्बत है। जिससे बड़े से बड़े मुद्दे आसानी से सुलझ सकते हैं। वह यहां समाजवादी पार्टी के नेता एहसान मो. अली उर्फ़ चौधरी शहरयार के यहां एक निजी कार्यक्रम में रुदौली आए थे। कहा कि भारत के संविधान में स्पष्ट उल्लेख है कि सभी धर्म अपनी मान्यताओं के अनुसार उसका पालन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शरिया कोर्ट के बारे में भ्रामक संदेश दिया जाता है। वस्तुतः यह कोर्ट नहीं इंसाफ़ का घर है व जो मामले अदालतों में चल रहे हैं वे शरिया कोर्ट में नहीं लिए जाते हैं।

उन्होंने कहा की इस्लाम में मानव सेवा का बहुत महत्व है जो यह दर्शाता है की इस्लाम मानवता व मोहब्बत को कितना महत्व देता है। मौलाना ने कहा कि भारत एक गुलदस्ता है जिसमें से एक फूल मुस्लिम समाज का है। बोले कि भारत की गंगा जामुनी तहजीब बहुत पुरानी है जिसको ख़त्म करना नामुमकिन है। इस मौके पर मौलाना अरशद क़ासमी, दरगाह शरीफ़ के शाह मोहम्मद आरिफ़ उर्फ सुब्बू मियाँ, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता फ़राज किदवई, पूर्व ब्लॉक प्रमुख निशात खां, शुऐब खां, परवेज अहमद, मो इद्रीस, यासीर कैफ़ी, शाहनवाज़ खान, प्रमोद कौशल, सोहन लाल चौरसिया आदि मौजूद रहे।

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