बतादें कि रामपुर नगर पालिका की सफाई मशीन जौहर यूर्निवर्सिटी से बरामद की गई थी। इस मामले में अब्दुल्ला आजम और आजम खान को आरोपी बनाया गया था। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी। अन्य तीन मामलों में आजम परिवार ने जमानत तुड़वाई है।
सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दोस्त सालिम और अनवार की निशानदेही पर पुलिस ने पिछले साल सितंबर में जौहर यूनिवर्सिटी से रामपुर नगर पालिका की रोड क्लीनर मशीन बरामद की थी। यह मशीन यूनिवर्सिटी कैंपस में दबाई गई थी। इस मामले में भाजपा नेता बाकर अली खान की ओर से सपा के नेता आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और अनवार व सालिम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस विवेचना कर चुकी है और चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल कर चुकी है।
इस मामले में आरोपी अनवार व सालिम को जमानत मिल चुकी है। जबकि सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने जमानत के लिए एमपी-एमए़लए सेशन कोर्ट में अर्जी लगाई थी। मंगलवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता अमित सक्सेना व एडीजीसी सीमा राणा ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया कि जौहर विश्वविद्यालय से स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में मशीन बरामद हुई है और आरोपियों का लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है।
इस लिहाजा जमानत निरस्त की जाए, जबकि आजम खान के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में झूठा मुकदमा दर्ज किया है। पालिका की मशीन उनके कब्जे से बरामद नहीं हुई है और न ही पत्रावली पर सुबूत मौजूद हैं। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एमपी-एमएलए सेशन ट्रायल डॉ0 विजय कुमार ने आजम खान और अब्दुल्ला की जमानत याचिका खारिज कर दी।

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