बरेली। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने भड़काऊ भाषण देकर बरेली में बवाल कराया था। मुस्लिम समुदाय के युवाओं को भड़काकर श्यामगंज बाजार में पथराव और आगजनी के साथ हिन्दू धर्म के गरीब फल जूस बेचने वाले असहाय लोगों के साथ मारपीट कराई, लेकिन प्रशासन की सूझबूझ के कारण दंगा फैलने से बच गया। यह बातें श्री चित्रगुप्त पीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी सच्चिदानंद ने कही। उन्होंने आईजी डॉ. राकेश सिंह से मिलकर मुकदमा दर्ज कर मौलाना को जेल भेजने की मांग की। गिरफ्तारी न होने पर धरना देने की चेतावनी भी दी।

आचार्य स्वामी सच्चिदानंद गुरुवार को दामोदर पार्क से अपने अनुयायियों के साथ आईजी कार्यालय तक पैदल मार्च निकालकर पहुंचे। यहां उन्होंने पत्रकारों को बताया कि मौलाना तौकीर रजा ने 2010 में जिस प्रकार से एक विशेष समुदाय यानी कि मुस्लिम युवाओं को भड़काकर दंगा करवाने में सफल रहा, इस कारण कई महीने तक बरेली की स्थिति चिंताजनक बनी रही। स्थानीय लोगों ने कई महीने तक कर्फ्यू की मार को झेला। पुन: 2017 में एक सार्वजनिक मंच से हिन्दू धर्म की महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुये हिन्दू धर्म की महिलाओं को अपमानित करने के साथ-साथ धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाते हुये दंगा भड़काने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा कि यह 2010 में दंगे भड़काने में कामयाब हुआ। उन्होंने कहा कि मौलाना तौकीर रजा और उसके सहयोगियों पर राष्ट्रदोह एवं धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने के साथ पेशेवर आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार किया जाएं, ताकि बरेली शहर ही नहीं बल्कि पूरा भारत इसकी साजिश से बच सके। पैदल मार्च के दौरान नीतीश रस्तोगी, संजय शर्मा, धर्म प्रकाश रस्तोगी, प्रदीप रस्तोगी, दीपक पाठक, अनिल मिश्रा, अमित राठौर, कमल टंडन, मित मिश्रा, संजीव अवस्थी आदि मौजूद रहें।

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