बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा की मौर्य गली से जुलूस-ए-मोहम्मदी को लेकर रात 2 बजे तक जद्दोजहद जारी थी।कई बार दोनों पक्षों के बीच जमकर नारेबाजी हुई। इससे माहौल इस कदर गरमाया कि लगा कि हालात अब बिगड़े कि तब बिगड़े। अफसरों के समझाने के बाद भी जुलूस रोकने के लिए बीच सड़क धरने पर बैठे महिला-पुरुष हटने को तैयार नहीं हुए तो जुलूस में शामिल लोग भी धरने पर बैठ गए। एलान कर दिया कि वे किसी भी कीमत पर पीछे नहीं लौटेंगे। दोनों पक्षों में तनातनी के बीच पुलिस-प्रशासन के पसीने छूटते रहे।

जुलूस-ए-मोहम्मदी को मौर्य वाली गली से न निकलने देने का एलान शनिवार को ही कर दिया गया था। तभी से शुरू हुआ तनाव तब चरम पर पहुंच गया जब जुलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल होने निकली अंजुमनों को जोगी नवादा के लोगों ने मौर्य वाली गली में आगे बढ़ने से रोक दिया गया। तमाम महिला-पुरुषों के सड़क पर बैठ जाने से माहौल गरमा गया। मुस्लिम पक्ष के लोगों की कई बार अफसरों से भी नोकझोंक हुई। काफी कोशिश के बावजूद दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई तो अफसरों ने वीडियोग्राफी शुरू करा दी। रात ढाई बजे तक यही सिलसिला चलता रहा।

शनिवार रात अंजुमनों के प्रमुखों के साथ पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की बैठक में तय हुआ था कि जुलूस नए रास्ते से निकाला जाएगा। इसका पता लगते ही मौर्य वाली गली में लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि इस रास्ते पर उनकी कांवड़ यात्रा नहीं निकलने दी गई, इसलिए वे भी जुलूस नहीं निकलने देंगे। सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। लोग सड़क पर बैठ गए। दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आए तो पुलिस टकराव रोकने के लिए उनके बीच दीवार बनकर खड़ी हो गई।

मौर्य वाली गली में जुलूस-ए-मोहम्मदी का विरोध शांत नहीं हुआ तो अफसरों ने उसे बुखारपुरा के नए रास्ते से निकलवाने की तैयारी शुरू कर दी। इस पर बुखारपुरा में भी लोग भड़क गए। थाने पहुंचकर विरोध करते हुए जुलूस निकलने पर पलायन की धमकी दे दी। कई घंटे तक अफसर उन्हें समझाते रहे। उनके शांत होने के बाद रात नौ बजे के बाद दो-दो, चार-चार करके अंजुमनें निकलवाईं। इस दौरान यहां पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ भारी पुलिस बल तैनात रहा।

बवाल होने की आशंका में अफसरों ने अंजुमनों को आगे बढ़ाने से पहले बुखारपुरा की हर गली में पुलिस तैनात कर दी। विरोध करने वाले समुदाय के लोगों को छतों से उतार दिया और जुलूस के दौरान गालियों में न निकलने की भी चेतावनी दी। पुलिस लगातार वीडियोग्राफी भी करती रही ताकि कोई गड़बड़ी करे तो उसे चिह्नित किया जा सके।

इससे पहले जोगी नवादा में विरोध के बीच दूसरे समुदाय के काफी संख्या में लोग शनिवार देर शाम अधिकारियों से मिले और पुराने रास्ते से ही जुलूस निकलवाने की मांग की। इसके बाद थाना बारादरी में उनके साथ शुरू हुई बैठक रविवार तड़के तीन बजे तक चली। आईएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता समेत तमाम लोग इसमें मौजूद रहे। तय हुआ कि जुलूस बुखारपुरा में रवि की चक्की से होते हुए नए रूट से निकाला जाएगा लेकिन इस पर बुखारपुरा में लोगों ने विरोध शुरू कर दिया।

रविवार को बुखारपुरा के तमाम लोग थाना बारादरी पहुंच गए और चेतावनी दी कि अगर बुखारपुरा से जुलूस निकाला गया तो वे लोग पलायन कर देंगे। जगतपुर के यज्ञदत्त शर्मा, संजीव प्रजापति की अगुवाई में तमाम लोग नई परंपरा के विरोध पर अड़े रहे। अधिकारी दोनों पक्षों से बातचीत करते रहे। शाम को सहमति बनी कि थोड़ा रूट बदलने के साथ बुखारपुरा में सभी अंजुमनों को एक साथ के बजाय दो-दो और तीन-तीन की संख्या में निकाला जाएगा। इसके बाद मामला शांत हुआ।

 

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