जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने बीते दिनों रिचार्ज दरों में इजाफा किया है। कंपनियों के इस फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। निजी कंपनियों द्वारा मोबाइल सेवा शुल्क बढ़ाने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलते हुए उस पर 109 करोड़ मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को लूटने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने सवाल किया कि कंपनियों को बिना किसी निगरानी और नियमन के एकतरफा तरीके से दरें बढ़ाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है। सरकार ने हाल ही में मोबाइल सेवाओं के टैरिफ में बढ़ोतरी के बारे में भ्रामक दावों का जवाब देते हुए कहा है कि तीन निजी और एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ, वर्तमान मोबाइल सेवा बाजार मांग और आपूर्ति की बाजार शक्तियों के माध्यम से संचालित होता है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि दूरसंचार सेवाओं की दरें स्वतंत्र नियामक द्वारा अधिसूचित नियामक ढांचे के भीतर बाजार शक्तियों द्वारा तय की जाती हैं। नियामक ने कहा कि सरकार मुक्त बाजार के फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करती है क्योंकि कार्यक्षमता ट्राई के अधिकार क्षेत्र में है और टैरिफ सहनशीलता के अधीन हैं। ट्राई ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने दो साल से अधिक समय के बाद मोबाइल सेवाओं की कीमतों में वृद्धि की है।
पिछले दो वर्षों में कुछ टीएसपी ने देशभर में 5जी सेवाओं को शुरू करने में भारी निवेश किया है। ट्राई ने बताया कि इससे मोबाइल की औसत गति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह 100 एमबीपीएस के स्तर पर पहुंच गई है तथा भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग अक्टूबर 2022 में 111 से बढ़कर आज 15 हो गई है। ट्राई ने कहा कि ग्राहकों के हितों की रक्षा करते हुए दूरसंचार क्षेत्र के सुव्यवस्थित विकास के लिए, जिसमें 5जी, 6जी, उद्योग 4.0 के लिए आईओटी/एम2एम जैसी नवीनतम तकनीकों में निवेश शामिल है, क्षेत्र की वित्तीय व्यवहार्यता महत्वपूर्ण है।
पिछले 10 वर्षों से पहले, दूरसंचार क्षेत्र विवादों, पारदर्शिता की कमी से घिरा हुआ था और इसलिए, मोबाइल सेवाओं का विकास स्थिर था। दूरसंचार नियामक संस्था ने कहा, पिछले 10 वर्षों के दौरान, सरकार की प्रगतिशील नीतियों के कारण, दूरसंचार सेवाओं की दरें, चाहे वह वॉयस हो या डेटा, तेजी से गिर गई हैं।
कांग्रेस ने दूरसंचार क्षेत्र की तीन प्रमुख कंपनियों द्वारा शुल्क दर में बढ़ोतरी किए जाने के बाद शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कटाक्ष किया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का जनता के लिए उसके मित्रवादी पूंजीवाद का प्रसाद है। हाल में तीन प्रमुख दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने ढाई साल के अंतराल के बाद शुल्क वृद्धि की घोषणा की। सबसे पहले सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने यह कदम उठाया।