आप ने भाजपा को दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी करार देते हुए रविवार को कहा कि ‘मोदी वॉशिंग मशीन’ में भ्रष्टाचारियों के दाग धुल रहे हैं।
‘आप’ ने रविवार को यहां राजेंद्र नगर में ‘जेल का जवाब वोट से’ अभियान के तहत वॉकथॉन का आयोजन किया था। इस दौरान ‘आप’ सांसद संजय सिंह ने कहा कि लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का वॉकथॉन एक बहुत अच्छा तरीका है।
हम लोग जनता के बीच जा रहे हैं और बता रहे हैं कि किस तरह मोदी वॉशिंग मशीन 2014 के बाद देश के भ्रष्टाचारियों को भाजपा के साथ मिलाकर उनका सहयोग लेकर और मंत्री बनाकर उनके भ्रष्टाचार के दाग को धुल रही है। यह कोई छोटा मामला नहीं है। खुद प्रधानमंत्री ने अशोक चह्वाण के लिए कहा कि कारगिल के विधवाओं के फ्लैट के पैसे खाए।
संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अजीत पवार के लिए कहा कि 70 हजार करोड़ रुपए का सिंचाई घोटाला किया।
खुद प्रधानमंत्री ने प्रफुल्ल पटेल के लिए कहा कि उनका संबंध इकबाल मिर्ची से है जो दाउद इब्राहिम का आदमी है। ऐसे लोगों को प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी में मिला लिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिश्वा सरमा पर घोटाले का आरोप लगाकर बुकलेट जारी करते हैं। इसके बाद उन्हें भाजपा में मिला लेते हैं और मुख्यमंत्री बना देते हैं।
उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भाजपा ने रिश्वत लिया और धंधा दिया। जिन कंपनियों से रिश्वत ली गई, उनको मोदी सरकार ने तीन लाख आठ करोड़ रुपए का ठेका दिया। कंपनियों पर ईडी और सीबीआई के छापे मारे गए और उनसे रिश्वत ली गई।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने इतना भ्रष्टाचार किया है कि भ्रष्टाचार के मामले में भाजपा पाताल में घुस गई है। दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी का नाम भाजपा है और दुनिया के सबसे बड़े भ्रष्ट नेता के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामने आए हैं, जो भ्रष्टाचारियों के संरक्षक हैं। एक फिल्म आई थी अली बाबा 40 चोर, प्रधानमंत्री मोदी उसी की भूमिका में हैं।
‘आप’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने कहा कि भाजपा ने प्रचंड बहुमत से चुने हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बिना किसी सबूत के चुनाव के बीच उठाकर जेल में बंद किया गया है।
दिल्ली के युवाओं, महिलाओं और बुजुगरें समेत समाज का हर तबका मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से बेहद दुखी है।
दिल्ली की जनता पूछ रही है कि भाजपा अपने काम के आधार पर वोट मांगने की जगह काम करने वाले मुख्यमंत्री को जेल में क्यों डाल दिया? आज दिल्ली के हर कोने से एक ही आवाज उठ रही है कि भाजपा की इस तानाशाही को हटाना है और इस बार काम करने वाले सांसदों को जिताकर संसद में भेजना है।