राष्ट्रपति भवन में शाम को 7:15 बजे लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले अपने संभावित मंत्रियों को पीएम आवास पर बुलाकर कामकाज को लेकर अहम दिशा-निर्देश दिए।

बताया जा रहा है कि ‘चाय पर चर्चा’ के दौरान नरेंद्र मोदी ने अपने संभावित मंत्रियों को सरकार के कामकाज के तौर-तरीकों से अवगत कराते हुए कहा कि विभाग (मंत्रालय) कोई भी मिले, लेकिन सभी को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि पहले से चल रही तमाम परियोजनाएं समय पर पूरी हो।

उन्होंने शिलान्यास और उद्घाटन दोनों ही एनडीए सरकार द्वारा किए जाने के ट्रैक रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए इस बात को स्पष्ट तौर पर कहा कि कोई भी नई परियोजना बनाते समय भी इस बात का खास ख्याल रखा जाए कि वे समय पर पूरा भी हो।

नरेंद्र मोदी ने अमृतकाल के एजेंडे का जिक्र करते हुए कहा कि हम सभी को 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए काम करना है। सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों का एजेंडा तैयार है, जिस पर सभी को तेजी से काम करना है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के तीसरे कार्यकाल के पांच साल का रोड मैप भी पूरी तरह से तैयार है और सभी को मिलकर इसे पूरा करना है। उन्होंने खासतौर से पहली बार मंत्री बनने जा रहे सांसदों को मोदी सरकार के कामकाज के ढंग और तौर-तरीकों के बारे में बताते हुए शासन, सुशासन, स्पीड और जनकल्याण पर खास फोकस करने की भी नसीहत दी।

पीएम आवास पर हुई बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, निर्मला सीतारमण, एस. जयशंकर, हरदीप सिंह पुरी, अश्विनी वैष्णव, किरेन रिजिजू, गिरिराज सिंह, रक्षा खडसे, भगीरथ चौधरी, मनोहर लाल खट्टर, शिवराज सिंह चौहान, जितिन प्रसाद, अजय टम्टा, चिराग पासवान, जी. किशन रेड्डी, बी. संजय कुमार, मनसुख मंडाविया, जयंत चौधरी, अर्जुन राम मेघवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पंकज चौधरी, राव इंद्रजीत सिंह, बीएल वर्मा, अन्नपूर्णा देवी, गजेंद्र सिंह शेखावत, एचडी कुमारस्वामी, रामदास आठवले, सर्बानंद सोनोवाल, जीतन राम मांझी, हर्ष मल्होत्रा, नित्यानंद राय, राजीव रंजन (ललन) सिंह, प्रतापराव जाधव और सीआर पाटिल सहित अन्य कई नेता मौजूद रहे।

बताया जा रहा है कि मंत्री बनने वाले कई सांसद जो अपने-अपने राज्यों में थे, वह समय पर दिल्ली नहीं पहुंच पाने के कारण पीएम आवास पर नहीं पहुंच सके। लेकिन, वो सीधे राष्ट्रपति भवन पहुंचकर मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

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