प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नौ जून की शाम को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी का शपथ ग्रहण समारोह पिछले दो बार की तरह ही इस बार न केवल भव्य होगा, बल्कि इसके साक्षी वीवीआईपी के साथ ही आम आदमी भी बनेगा।
समारोह में जहां एक तरफ कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहेंगे तो वहीं देश के विकास की प्रथम इकाई माने जाने वाले श्रमवीर भी इस मौके के साक्षी बनेंगे।
शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान व अफगानिस्तान को छोड़कर सभी सार्क देशों को न्यौता भेजा गया है। प्रधानमंत्री के रूप में अपनी तीसरी पारी शुरू करने के मौके पर पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्ष को न्यौता देकर पीएम मोदी यह संदेश देना चाहते हैं कि भारत के लिए पड़ोसी प्रथम की नीति जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह में भी मोदी ने सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को न्यौता दिया था। मोदी की इस तीसरी पारी के समारोह के लिए जिन राष्ट्राध्यक्षों को निमंतण्रदिया गया हैं। इनमें से ज्यादातर राष्ट्राध्यक्षों ने न्यौते को स्वीकार करने की सूचना दे दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस शपथ ग्रहण समारोह का गवाह बनने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले तमाम हस्तियों के साथ ही देश के विकास में महती योगदान देने वाले श्रमवीरों को भी न्यौता भेजा गया है।
सेंट्रल विस्टा व मेट्रो में काम करने वाले श्रमवीर भी इस समारोह के साक्षी होंगे। एशिया की पहली लोको पायलट सुरेखा यादव भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी। समारोह में देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी न्यौता दिया गया है।
आ रहे हैं ये विदेशी मेहमान
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द्र जगन्नाथ, सेशेल्स के राष्ट्रपति वेवेल रामकलावन, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे व मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू।