पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जिनकी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी अब पाकिस्तान में करीब करीब खत्म की जा चुकी है, उन्होंने खुद को महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला जैसा नेता बताया है। ब्रिटिश अखबार द इंडिपेंडेंट से बात करते हुए इमरान खान ने खुद की तुलना भारत और दक्षिण अफ्रीका के महान स्वतंत्रता सेनानियों महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला से की है।

भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार ने सेना के साथ मिलकर तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को तोड़-मरोड़कर रख दिया है और इमरान खान के अलावा अब पीटीआई में एक भी बड़ा नेता नहीं बचा है। कुछ राज्यस्तरीय नेता बचे हैं, जिनका प्रभाव काफी सीमित है। वहीं, इमरान खान को हर दूसरे दिन कोर्ट और जांच एजेंसियों का चक्कर लगाना पड़ रहा है।

इमरान खान ने कहा है, कि उन पर अत्याचार करने के लिए चाहे कितने भी आरोप लगाए जाएं, गिरफ्तार किया जाए या फिर जेल में डाल दिया जाए, अगले चुनाव में उनकी पार्टी की जीत तय है। इमरान खान के खिलाफ एक्शन 9 मई को पाकिस्तान में सेना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद शुरू हुआ है, जिसमें पाकिस्तान में गृहयुद्ध की नौबत आ गई थी।

द इंडिपेंडेंट से बात करते हुए इमरान खान ने कहा, कि “मुझे पता है कि वे मुझे फिर से जेल में डाल देंगे। इसमें बिल्कुल भी समय नहीं लगता। क्योंकि.. उन्हें डर है कि अगर मैं बाहर हो गया, तो मेरी पार्टी बहुत मजबूत हो जाएगी। इसीलिए हमें जेल में डालकर चुनाव लड़ने से रोकने की कई कोशिशें की जा रही हैं।”

पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आगे कहा, कि “इस क्रम में अब तक हजारों पीटीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा चुका है। वे मुझे जेल भेजने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे हमारी पार्टी से डरते हैं। इसलिए उनकी रणनीति मुझे अयोग्य घोषित करने की है। हालांकि, मैं अभी भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा हूं।”

अखबार से बात करते हुए इमरान खान ने आगे कहा, कि “जितना वे हमें दबाने की कोशिश करेंगे, पार्टी (पीटीआई) को उतना ही ज्यादा समर्थन मिलेगा।”

इमरान खान ने ब्रिटिश अखबार से बोलते हुए आगे कहा, कि “मैं महात्मा गांधी, नेल्सन मंडेला या मोहम्मद अली जिन्ना के जैसा नेता हूं, और मैं उन नेताओं के नक्शे-कदम पर चल रहा हूं, और मेरा कोई निजी लक्ष्य या महत्वाकांझा नहीं है, इसीलिए, वो मुझे कभी भी जेल में डाल सकते हैं।”

इमरान खान ने अखबार से बात करते हुए आगे कहा, कि “मैं राजनीति में करियर बनाने के लिए नहीं आया। मैं किसी को भी राजनीति को करियर मानने के लिए प्रोत्साहित नहीं करता। मैं अपने बेटों से नहीं कहता, कि वे राजनीति में न आएं। क्योंकि वह सबसे ख़राब करियर है। राजनीति का एक उद्देश्य होता है.. नेल्सन मंडेला, महात्मा गांधी, जिन्ना (मुहम्मद अली जिन्ना) जैसे लोगों ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। वे निःस्वार्थ सेवक हैं। इसलिए वे मुझे प्रेरित करते हैं। उन्होंने कभी सत्ता नहीं चाही। वे एक लक्ष्य के लिए लड़े।”

इमरान खान ने आगे कहा, कि इसी तरह से वो भी एक लक्ष्य लेकर चल रहे हैं, इसलिए जब भी पाकिस्तान में चुनाव करवाए जाएंगे, उनकी पार्टी जीत हासिल करेगी।

आपको बता दें, नियमों के मुताबिक पाकिस्तान में इस साल अक्टूबर तब आम चुनाव हो जाने चाहिएं, लेकिन फिलहाल इस बात की संभावना काफी कम दिखाई दे रही है। वहीं, माना जा रहा है, कि चुनाव कराने से पहले इमरान खान को सजा सुनाकर जेल भेजा जा सकता है, ताकि वो चुनाव लड़ने के लायक ना रहें। कई सर्वे में पता चला है, कि पाकिस्तान में इमरान खान की लोकप्रियता बरकरार है और अगर चुनाव होते हैं, तो इमरान खान अपने दम पर सरकार बना सकते हैं।

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