झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की अगुवाई वाली चंपाई सोरेन सरकार की झारखंड में पहली अग्निपरीक्षा होने जा रही है। सीएम चंपाई सोरेन आज झारखंड विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट में अपना बहुमत साबित करेंगे। इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया गया है। बता दें कि फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झामुमो के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायक विधानसभा पहुंच चुके हैं। 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के 47 विधायक हैं। इनको सीपीआईएमएल (एल) के एक विधायक का बाहर से समर्थन प्राप्त है।

झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के फ्लोर टेस्ट से पहले झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा कि यह झारखंड है। इस राज्य में हर कोने में आदिवासी-दलित वर्गों से अनगिनत सिपाहियों ने अपनी कुर्बानी दी है। जहां करोड़ों रुपये डकार कर इनके सहयोगी विदेश में जा बैठे हैं ED-CBI-IT उनका एक बाल बांका नहीं कर सकती। ये देश के आदिवासी दलित-पिछड़ों और बेगुनाहों पर अत्याचार करते हैं। अगर है हिम्मत तो सदन में कागज दिखाएं कि यह साढ़े 8 एकड़ की जमीन हेमंत सोरेन के नाम पर है। अगर ऐसा हुआ, तो मैं उस दिन राजनीति से अपना इस्तीफा दे दूंगा। राजनीति ही क्या झारखंड छोड़कर चला जाऊंगा।
झारखंड राज्य के नए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के फ्लोर टेस्ट के दौरान झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि 31 जनवरी की काली रात में एक काला अध्याय देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ा है। मेरे संज्ञान में 31 तारीख की रात को देश में पहली बार किसी सीएम की गिरफ्तारी हुई है। मुझे लगता है इस घटना को अंजाम देने में कहीं न कहीं राजभवन भी शामिल है। जिस तरीके से यह घटित हुई मैं उससे हैरान हूं।

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