मेरठ। मेरठ में वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश चंद गुप्ता के सेक्स टेप लीक कांड ने भाजपा में भी तूफान मचा दिया है। पीड़िता के बयान के बाद अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। इस कांड में भाजपा के दो बड़े नेताओं के नाम आने से पार्टी रक्षात्मक मुद्रा में आ गई है।

मेरठ में वरिष्ठ अधिवक्ता और मेरठ बार एसोसिएशन के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश चंद गुप्ता का सेक्स टेप लीक कांड भाजपा की भी फजीहत करा रहा है। इस मामले में पीड़िता के कोर्ट में बयान दर्ज होने के बाद अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया तथा बार एसोसिएशन ने सदस्यता भी समाप्त कर दी। जिसके बाद रमेश चंद गुप्ता का उपाध्यक्ष पद भी खत्म हो गया था।

इस कांड में अब भाजपा के दो बड़े नेता भी फंसते नजर आ रहे हैं। पीड़िता के बयानों के आधार पर पुलिस भाजपा नेताओं को भी आरोपित बनाने की तैयारी में है।

एक भाजपा नेता आरोपित अधिवक्ता का भांजा व होटल संचालक है जबकि एक आरोपित को पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री बताया जा रहा है। कोर्ट में पीड़िता ने आरोप लगाया कि अधिवक्ता ने उसे कैंप कार्यालय बुलाकर उसका वीडियो बनाया और बदनाम करने की धमकी देकर यौन शोषण करता रहा। अधिवक्ता ने कई पार्टियों में भी पीड़िता को बुलाया और शोषण करता रहा। पुलिस तेजी से इस मामले की जांच में जुटी है। पीड़िता ने मारवाड़ी भोज के मालिक और बीजेपी के महामंत्री अरविन्द गुप्ता मारवाड़ी और भाजपा नेता संजीव कुमार सिक्का पर भी आरोप लगाए गए है।

एसपी सिटी पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि पीड़िता ने 3 व्यक्तियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की है, जिन्होंने फरवरी से मई के बीच में इस नाबालिग युवती के साथ यौन शोषण किया है। उन्होंने कहा कि साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है जिसके बाद  तीनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इसके लिए मोबाइल की सीडीआर, वीडियो, तस्वीरों, मोबाइल लोकेशन को आधार बनाया जा रहा है। फिलहाल आरोपित अधिवक्ता पुलिस की पकड़ से फरार है और पुलिस उसकी धरपकड़ में जुटी है। कोर्ट में बयान दर्ज कराने के बाद पीड़िता को आशा ज्योति केंद्र में रखा गया है। पीड़िता का कोई परिजन उसे घर ले जाने के लिए नहीं आया।

दो भाजपा नेताओं के नाम अधिवक्ता के सेक्स टेप लीक कांड में आने के बाद भाजपा बैकफुट पर आ गई है। लखनऊ और दिल्ली तक मामला गूंज रहा है।

इससे पहले मेरठ में ही एक अन्य भाजपा नेत्री के अश्लील वीडियो वायरल मामले में हंगामा मच चुका है। बसपा से भाजपा में आकर चुनाव जीते पार्षद रविंद्र सिंह और रविंद्र नागर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है । पार्षद रविंद्र सिंह तो एक अस्पताल संचालक से रंगदारी मांगने के मामले में भी आरोपित हुए थे । बाद में ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर की मौजूदगी में पार्षद ने अस्पताल संचालक के पैर छूकर माफी मांगी थी और मामला निपटा दिया गया था।

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