मेरठ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ अतुल कृष्ण भटनागर को अपराध से उन्मोचित करने की अर्जी सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद द्वारा निरस्त करने के खिलाफ दाखिल आपराधिक पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी है। अतुल कृष्ण भटनागर सुभारती अस्पताल के महाप्रबंधक हैं।

कोर्ट ने कहा है कि भले ही गम्भीर संदेह हो फिर भी अपराध का विचारण होना चाहिए। अपराध से उन्मोचित करने की अर्जी की सुनवाई के समय सबूतों पर विचार नहीं किया जा सकता। साक्ष्यों पर ट्रायल के दौरान ही विचार हो सकता है। अदालत यह देखेगी कि ट्रायल किया जाना चाहिए या नहीं। कोर्ट ने कहा सीबीआई अदालत के आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं है और याचिका खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने दिया है।

याची के खिलाफ हत्या और षड्यंत्र के आरोप में थाना सदर बाजार, मेरठ में तुसिन बिश्नोई ने 14 जून 06 को एफआईआर दर्ज कराई थी । कोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई को सौंपी गई। जिस पर दिल्ली में एफआईआर दर्ज कर सीबीआई ने गाजियाबाद की विशेष अदालत में छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल दाखिल की। जिसमें याची भी शामिल है।

अदालत ने संज्ञान लेकर सम्मन जारी किया, जिसके खिलाफ याची को सुप्रीम कोर्ट तक राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्मोचन अर्जी तय करने के लिए याचिका दायर की जिस पर तय करने का आदेश हुआ। इस पर कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह अर्जी दिग्भ्रमित होकर दायर की गई है और निरस्त कर दिया। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।

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