उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार को दफ्तर से चलाने की बजाय मैदान में उतरकर खुद मोर्चा संभालने में विश्वास रखते हैं। यही वजह है जब भी प्रदेश में कोई बड़ा संकट आता है तो योगी आदित्यनाथ खुद मैदान में उतरते हैं और इसकी कमान संभाल लेते हैं।

उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश की वजह से हालात काफी मुश्किल भरे हो गए हैं। कई इलाके बाढ़ पीड़ित हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री ने इन इलाकों का नाव से दौरा किया और यहां के हालात की समीक्षा की।

पीलीभीत और लखीमपुर में बाढ़ की वजह से हालात काफी मुश्किल हो गए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इन इलाकों का पहले हवाई सर्वेक्षण किया और इसके बाद खुद मोटरबोट से इन इलाकों में पहुंच गए।

खीरी में सीएम योगी शारदानगर पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नदियों और तटबंधों के बीच बसे गांवों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने इन लोगों के पुनर्वास का निर्देश दिया जिससे भविष्य में इस तरह की आपदा से लोगों को मुश्किल का सामना नहीं करना पड़े।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि 24 घंटे के अंदर लोगों को बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बारिश की वजह से फसलों को हुए नुकसान की भी भरपाई करने को कहा है। फसलों का सर्वे करने के बाद समय पर मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने पीलीभीत के सदर, बीसलपुर, अमरिया, कलीनगर, पूरनपुर का भी हवाई सर्वेक्षण किया।

सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान में 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, राहत कार्य तेजी से चल रहा है। स्थिति को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी और एसएसबी इकाइयों के साथ स्थानीय गोताखोरों को तैनात किया गया है। नतीजतन, कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर राहत कार्य जारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जान-माल के नुकसान का गहन सर्वेक्षण करें और तुरंत आवश्यक सहायता प्रदान करें।

सीएम योगी के सक्रिय दृष्टिकोण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी प्रभावित व्यक्तियों को इन चुनौतीपूर्ण समय के दौरान समय पर सहायता मिल सके। मुख्यमंत्री का यह दौरा बाढ़ संकट से कुशलतापूर्वक और सहानुभूतिपूर्वक निपटने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

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