समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद और सहकारिता आंदोलन के स्तंभ रहे छोटे सिंह यादव का शुक्रवार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। 85 वर्षीय छोटे सिंह यादव कई दिनों से अस्वस्थ थे और मेदांता अस्पताल में इलाजरत थे। उनके निधन से समाजवादी खेमे में शोक की लहर दौड़ गई है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के घनिष्ठ मित्र रहे छोटे सिंह यादव को ‘मिनी मुख्यमंत्री’ की उपाधि दी जाती थी। वे उत्तर प्रदेश की राजनीति में सहकारिता के प्रतीक माने जाते थे।

छोटे सिंह यादव का राजनीतिक सफर बेहद प्रभावशाली रहा है। उन्होंने सहकारिता क्षेत्र से राजनीति में कदम रखा और इसे ही अपनी ताकत बनाया। वर्ष 1968 में वे फर्रुखाबाद कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद 2020 तक उनका और उनके परिवार का इस बैंक पर वर्चस्व बना रहा। छोटे सिंह यादव ने सहकारिता को अपनी राजनीति की आधारशिला बनाया और ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी गहरी पैठ बनाकर जनसमर्थन प्राप्त किया। उनका कद इतना बड़ा हो गया था कि कांग्रेस सरकार में भी जब उनके विरोधी बैंक के अध्यक्ष चुने गए, तब भी वे उपाध्यक्ष बने रहे। इससे उनके राजनीतिक कौशल और क्षेत्रीय पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है।

कन्नौज बना कर्मस्थली

फर्रुखाबाद जिले के थाना मेरापुर क्षेत्र के चंपतनगला गांव निवासी छोटे सिंह यादव ने अपनी राजनीतिक कर्मस्थली कन्नौज को बनाया। वर्ष 1980 में उन्होंने जनता पार्टी सेक्युलर के टिकट पर कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। इसके बाद वे तीन बार कन्नौज से सांसद चुने गए। उन्होंने छिबरामऊ से विधानसभा चुनाव भी जीता और विधानसभा में जनहित से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। 1984 में इंदिरा लहर के दौरान उन्हें शीला दीक्षित से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने हार के बाद और भी मजबूत तरीके से राजनीति में वापसी की।

राजनीतिक जीवन की पहचान – ‘मिनी मुख्यमंत्री’

मुलायम सिंह यादव के निकटतम सहयोगी रहे छोटे सिंह यादव को उनके समर्थक ‘मिनी मुख्यमंत्री’ के नाम से पुकारते थे। यह उपाधि केवल उनके राजनीतिक प्रभाव का संकेत नहीं थी, बल्कि यह उनके संगठनात्मक और प्रशासनिक कौशल का भी प्रतीक थी। समाजवादी पार्टी की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वे सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।

अंतिम यात्रा की तैयारी और श्रद्धांजलि

शुक्रवार को जैसे ही उनके निधन की खबर आई, फर्रुखाबाद और आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन की सूचना मिलते ही समाजवादी कार्यकर्ता, समर्थक और आमजन उनके फर्रुखाबाद शहर स्थित आवास, मोहल्ला पल्ला तालाब पश्चिम पर एकत्रित हो गए।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें सहकारिता आंदोलन का पुरोधा बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लिखा, “सहकारिता आंदोलन के पुरोधा, समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और कन्नौज से कई बार सांसद, छिबरामऊ से विधायक रहे छोटे सिंह यादव जी का निधन अत्यंत दुःखद! ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं।” अखिलेश यादव शनिवार को करीब 11:30 बजे फर्रुखाबाद स्थित उनके आवास पर पहुंचकर अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। पार्टी के जिला महासचिव ने इस संबंध में प्रोटोकॉल जारी किया है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

छोटे सिंह यादव का जीवन एक प्रेरणा है। उन्होंने राजनीति को जनसेवा का माध्यम बनाया और आमजन से सीधा संवाद स्थापित कर उन्हें जोड़ने का काम किया। सहकारिता आंदोलन के माध्यम से उन्होंने गांवों और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का कार्य किया। उनका निधन केवल समाजवादी पार्टी के लिए ही नहीं, बल्कि प्रदेश की राजनीति और सहकारिता आंदोलन के लिए भी अपूरणीय क्षति है।

समाजवादी पार्टी के लिए बड़ी क्षति

छोटे सिंह यादव के निधन से समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। वे पार्टी के वैचारिक और सांगठनिक आधार स्तंभों में से एक थे। उनके अनुभव और मार्गदर्शन से पार्टी को हमेशा लाभ मिलता रहा। उनके निधन पर पूरे प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शोकसभाएं आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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