मुजफ्फरनगर में भारतीय योग संस्थान के तत्वावधान में ग्रीनलैंड मॉडर्न जूनियर हाई स्कूल में संचालित किशोर बालक एवं बालिका चरित्र निर्माण योग शिविर में ओम ध्वनि और गायत्री मंत्र से योग साधना प्रारंभ कराई। सर्वप्रथम योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह आर्य ने किशोर बालक एवं बालिकाओं के लिए उपयोगी आसन ताड़ासन, अर्ध चंद्रासन, सूर्य नमस्कार आसन, पश्चिमोत्तानासन, कोणासन, वज्रासन, शशक आसन, धनुरासन और बाल मचलन तथा मर्कटासन और शवासन कराए।

योग कराते हुए भारतीय योग संस्थान के जिला प्रधान राज सिंह पुंडीर ने बताया कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। सबसे पहला सुख निरोगी काया है। उन्होंने कहा कि आप सभी बच्चे बहुत सौभाग्यशाली हैं जो प्रतिदिन चरित्र निर्माण योग शिविर में आकर अपने शरीर और मन को पवित्र और शक्तिशाली बनाने का कार्य कर रहे हैं। यदि शरीर स्वस्थ है तो आप अपने लिए, अपने माता-पिता के लिए और अपने देश के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं। नियमित योगाभ्यास से आपके शरीर और बुद्धि का विकास होगा। योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह आर्य ने बताया कि आप अपने भाग्य के स्वयं विधाता हो। यह मानव योनि कर्म और भोग योनि है। आप कर्म करने के लिए स्वतंत्र है परंतु भोगने के लिए आप ईश्वर आधीन है अर्थात परतंत्र हैं।

आप पुरुषार्थ के द्वारा अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते हो। हमारा उद्देश्य आपको एक अच्छा नागरिक बनाना है। एक अच्छा नागरिक ही परिवार समाज और देश का भला कर सकता है। राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है। इस अवसर पर बहन मनीषा आर्य ने बच्चों को केले वितरित किए। अंकुर मान, मुनेश देवी, पवन कुमार आदि का सहयोग रहा।

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