मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद ने मणिपुर हिंसा और यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। संगठन के सदस्यों ने कलेक्ट्रेट में धरना देकर मांग उठाई की असंवैधानिक कानूनों पर तत्काल रोक लगाई जाए।

सोमवार को राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद में शामिल बहुजन क्रांति मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा भारतीय विद्यार्थी मोर्चा और राष्ट्रीय किसान मोर्चा आदि संगठन के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट पहुंचे भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के संयोजक वकार अजहर ने कहा कि विभिन्न राज्यों में निवास करने वाले 5 लोगों की पहचान समाप्त करने के लिए साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की संस्कृति और पहचान समाप्त करने को विकास के नाम पर जल जंगल और जमीन से बेदखल करने के लिए कुछ असंवैधानिक कानून बनाए गए हैं। उन पर तत्काल रोक लगाई जाए।

उन्होंने कहा कि मणिपुर 3 महीने से चल रहा है। राज्य सरकारों की सह पर आदिवासी समाज के लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। देश के विभिन्न भागों में कुछ खास वर्गों को निशाने पर लिया गया है। यूनिफॉर्म सिविल कोड का विचार भी उसी साजिश का हिस्सा है। कलेक्ट्रेट में मौजूद लोगों ने जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि एक खास वर्ग आदिवासियों को बनवासी कह कर उनकी पहचान खत्म कर देना चाहता है। हिंदू धर्म शब्द का अर्थ ब्राह्मणी धर्म समझा जाए। हिंदू नाम का कोई हिंदू धर्म नहीं है और न ब्राह्मणों के धर्म शास्त्रों में हिंदू धर्म के नाम से हिंदू शब्द का उल्लेख किया गया है।

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