मुजफ्फरनगर में स्कूल के बच्चे की पिटाई मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई अब 25 सितंबर को होगी। जस्टिस अभय ओक की अध्यक्षता वाली बेंच ने एसपी से मामले में रिपोर्ट मांगा है।
कोर्ट ने कहा है कि मामले में अब तक आरोपी के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। बच्चे के परिवार की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाया गया सुप्रीम कोर्ट में एक्टिविस्ट तुषार गांधी ने वायरल वीडियो का हवाला देते हुए पुलिस को FIR दर्ज कर जांच का निर्देश देने की मांग की है।
तुषार गांधी ने इस कांड को लेकर वकील शादान फरासत के जरिए याचिका दायर की है। दरअसल, इस मामले के बाद मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव के निजी स्कूल को सील कर दिया गया है।
हालांकि इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इसका स्वत: संज्ञान लिया था। इस मामले में NHRC ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था। NHRC द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, “राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और NHRC ने भारत में मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है कि एक निजी स्कूल के शिक्षक ने अपने एक छात्र की आस्था का बेतुके तरीके से जिक्र करते हुए उसके सहपाठियों को पीटने का आदेश दिया। यह स्कूल उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खुब्बापुर गांव में स्थित है।”
एनएचआरसी द्वारा जारी नोटिस में शिक्षक के खिलाफ की गई कार्रवाई, मामले में दर्ज एफआईआर की स्थिति और पीड़ित परिवार को दिए गए मुआवजे की जानकारी मांगी गई थी। NHRC के अलावा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो कलेक्टर और एसएसपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। अध्यक्ष ने ट्वीट कर लिखा, “उक्त मामले में कलेक्टर व SSP मुजफ्फरनगर को पृथक पृथक नोटिस जारी किए गये हैं।”
प्रियंक कानूनगो ने कहा था, “दोनों अधिकारियों को अलग-अलग जांच करने व शिक्षक के विरुद्ध FIR दर्ज कर पीड़ित बालक व अन्य बच्चों को CWC के समक्ष प्रस्तुत करने तथा काउंसलिंग करवाए जाने के निर्देश दिये गये हैं। सभी से निवेदन है कि बच्चे का वीडियो शेयर न करें। इस तरह की घटना की जानकारी ईमेल द्वारा दें, बच्चों की पहचान उजागर कर अपराध के भागी न बनें।”