रोहतक । वार्ड नंबर 5 के डेरी मोहल्ला के एक आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील में कीड़े निकलने से हंगामा मच गया। डेरी मोहल्ला निवासियों का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को जो खाना दिया जाता है, वह बेहद खराब क्वालिटी का होता है।
आंगनबाड़ी केंद्र संचालिका मीना व उसकी सहायिका पर आरोप लगाते हुए बच्चों के परिजनों ने कहा कि क्षेत्र का आंगनबाड़ी केंद्र 10 दिन में केवल एक बार ही खुलता है। यहां न बच्चों को पढ़ाया जाता है और न ही बच्चों को बैठाया जाता है। संचालिका तो महीने में एक दो बार ही आती है। उसकी सहायिका खाना बना कर लोगों के घरों में दे जाती है। जिसमें अक्सर कीड़े पाए जाते है। साथ ही खाने की क्वालिटी भी एक दम बेकार होती है।
अभिभावक आरती का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र सरकार द्वारा बच्चों के विकास के लिए खोले गए हैं। यहां नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को भी सरकार की तरफ से पूर्ण राशन दिया जाता है। जिससे जच्चा-बच्चा कुपोषण के शिकार न हों, दोनों स्वास्थ्य रहें। शुरुआती वर्षों में बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में भेजा जाता है। लेकिन सरकार के लिए काम करने वाले यह कर्मचारी सरकार को चूना लगा रहे हैं। केंद्र सरकार को ही चुना लगाने का काम कर रहे है। वहीं स्थानीय लोगो का ये भी आरोप है कि आंगनबाड़ी संचालिका और सहायिका सरकारी राशन बाटने की जगह अपने घर ले जाती है।
एक तरफ जहां आंगनबाड़ी संचालिका अपनी मांगो को लेकर लगतार सरकार पर निशाना साध रहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति भी दयनीय है। सरकार द्वारा जच्चा -बच्चा को कुपोषण से बचाने और बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना की गयी थी। लेकिन इन केन्द्रों की हकीकत इससे इत्तर है।