भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक और 2016 के पठानकोट हमले के मुख्य साजिशकर्ता शाहिद लतीफ की बुधवार को पाकिस्तान के सियालकोट शहर में एक मस्जिद के पास अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सूत्रों के मुताबिक, 41 वर्षीय आतंकवादी को शुक्रवार की नमाज के बाद नूर मदीना मस्जिद के पास मार दिया गया। हत्या के तुरंत बाद हमलावर मौके से भाग गए।
पाकिस्तान पुलिस अभी तक बंदूकधारियों की पहचान नहीं कर पाई है।
भारतीय एजेंसियों के अनुसार, लतीफ पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था। उसने 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले को अंजाम देने के लिए चार आतंकवादियों को निर्देशित किया था।
लतीफ को 2010 में 24 अन्य आतंकवादियों के साथ भारत सरकार ने रिहा कर दिया था। 1999 में इंडियन एयरलाइंस विमान (आईसी 814) के अपहरण के मामले में जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अज़हर के साथ रिहाई की मांग करने वाले जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों की सूची में लतीफ़ का नाम भी था।
पिछले साल अदालत में दायर एनआईए के आरोप पत्र के अनुसार, लतीफ ने नए घुसपैठ करने वाले जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों को परिवहन और रसद सहायता प्रदान की थी, जो जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा बलों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आत्मघाती हमले को अंजाम देने के लिए भारत में घुसे थे।
नवंबर 1994 में लतीफ को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवाद के आरोप में भारत में गिरफ्तार किया गया था।
लतीफ पर मुकदमा चला और बाद में 16 साल की अवधि के लिए कोट बलवाल, जम्मू जेल में कैद रखा गया, जहां उसने मसूद अज़हर के साथ कारावास साझा किया। भारत में अपनी सजा पूरी करने के बाद उसे 2010 में वाघा सीमा के माध्यम से पाकिस्तान वापस भेज दिया गया था।