प्रिंस जैक्सन ने बताया है कि कैसे उनके दिवंगत किंग ऑफ पॉप फादर माइकल जैक्सन को अपनी स्किन कंडीशन को लेकर काफी इनसिक्योरिटी थी।
दिवंगत किंग ऑफ पॉप के 26 वर्षीय सबसे बड़े बेटे ने अपने पिता के विटिलिगो (बीमारी) नामक क्रॉनिक डिसऑर्डर के एक्सपीरियंस के बारे में बताया, जिसके कारण स्किन पैच अपना पिग्मेंटेशन खो देते हैं और यह कैसे चिंता का कारण बना।
प्रिंस ने ‘हॉटबॉक्सिन’ विद माइक टायसन’ पॉडकास्ट पर कहा, ”उनके चारों ओर बहुत इनसिक्योरिटीज थी, उनकी शक्ल-सूरत दागदार लगती थी। इसलिए वह यह जानना चाहते थे कि क्या वह अपनी शारीरिक बनावट की सिक्योरिटी में मदद करने के लिए अपने अपियरेंस को स्मूद कर सकते हैं।”
प्रिंस ने खुलासा किया कि जब वह छोटे थे, तो उनके पिता हमेशा अपनी कंडीशन के बारे में बताते रहते थे। माइकल ने 1994 में ओपरा विन्फ्रे के साथ एक इंटरव्यू के दौरान अपने विटिलिगो पर विचार किया, जब उनके बदलते अपियरेंस और कॉस्मेटिक सर्जरी के बाद अटकलें लगाई गईं कि वह अपने स्किन कलर को बदलने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने उस समय कहा था: “मुझे स्किन संबंधी पिग्मेंटेशन स्किन डिसऑर्डर है। जब लोग कहानियां बनाते हैं कि मैं वह नहीं बनना चाहता, जो मैं हूं। मुझे दु:ख होता है। यह मेरे लिए एक समस्या है और मैं इसे नियंत्रित नहीं कर सकता।”
प्रिंस ने बताया कि जैसे-जैसे वह बड़े हुए, उन्होंने यह समझना सीख लिया कि उनका बचपन कितना अनोखा और दिलचस्प था, जिसमें हाथियों, बाघों, शेरों, बंदरों, गोरिल्ला, ओरंगुटान जैसे कई प्राइमेट्स जैसे जानवरों से घिरे नेवरलैंड रेंच पर बड़ा होना शामिल था।
उन्होंने आगे कहा, “(मेरे पिता) जब बच्चे थे तो उन्हें जानवरों से प्यार था। चूंकि उनके पास ज्यादा पैसा और ज्यादा म्यूजिक था़ वह अधिक जानवर खरीदने में सक्षम थे।”
और अब, अपने पिता की मृत्यु के लगभग 15 साल बाद, वह अभी भी एक व्यक्ति के रूप में उनके बारे में सीख रहा है। वह टूर पर माइकल के जीवन के पर बहुत सारी रिसर्च करना जारी रख रहे है।