नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के भीतर हुए टकराव को लेकर महाराष्ट्र के बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि एनसीपी अजीत पवार की ही थी, उन्हें ही पार्टी को संभालना था, लेकिन उन्होंने इसकी बजाए हमारे जीवन में में खलल डालने और पार्टी को छोड़ने का फैसला लिया।

बता दें कि सांसद सुप्रिया सुले जो अजित पवार की चचेरी बहन हैं और शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट की कार्यकारी अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कभी एनसीपी अध्यक्ष बनने की इच्छा नहीं जताई।

सुप्रिया सुले ने कहा कि यह पद उन्हें ही मिलने वाला था, अरे मांग लेता न तो सब दे देती, पार्टी छीनने की जरूरत नहीं थी। सुप्रिया सुले ने कहा कि नेतृत्व उनके हाथ में था, फिर भी उन्होंने अलग होने का फैसला किया।

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दरअसल जिस तरह से सुप्रिया सुले ने अजीत पवार से किनारा किया, उसके बाद यह सवाल भी उठने लगे थे कि सुप्रिया पार्टी की कमान खुद संभालना चाहती थीं।

लेकिन सुप्रिया सुले ने इसका खंडन करते हुए कहा कि मैं पार्टी की कमान अजीत पवार को सौंपकर बहुत खुश थी। मैंने कभी भी इसकी मांग नहीं की, लेकिन वो इसे हासिल करने के लिए सबकुछ कर रहे थे।

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