सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें यह मुद्दा उठाया गया कि किसी भी महिला को ‘सुश्री’, ‘कुमारी’, ‘श्रीमती’ जैसे सम्मान सूचक शब्द अपने नाम के आगे लगाने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह याचिका महज प्रचार पाने के लिए दायर की गई। जस्टिस एस.के. कौल और जस्टिस ए. अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि इस बारे में कोई आदेश नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह अपने नाम के आगे सम्मान सूचक शब्द का इस्तेमाल करे या नहीं।

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील ने शीर्ष न्यायालय से कहा कि वह विषय में कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करना चाहते हैं। पीठ ने पूछा, ‘‘यह क्या याचिका है? आप क्या राहत चाहते हैं?…यह महज प्रचार पाने के लिए है।” शीर्ष न्यायालय ने कहा कि यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह अपने नाम से पहले सम्मानसूचक शब्द लगाये या नहीं।

पीठ ने कहा, ‘‘आपका कहना है कि किसी भी महिला को अपने नाम के आगे ‘सुश्री’, ‘कुमारी’, ‘श्रीमती’ लगाने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए।” कोर्ट ने कहा, ‘‘मान लीजिए कि यदि कोई महिला इसका उपयोग करना चाहती है तो उसे इसका इस्तेमाल करने से कैसे रोक सकते हैं।” न्यायालय ने कहा, ‘‘इस बारे में कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता क्योंकि यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह नाम से पहले सम्मानसूचक शब्द लगाये या नहीं।”

 

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