दुनिया का सबसे बड़ा समागम महाकुंभ मेला आज महाशिवरात्रि स्नान के साथ समाप्त होने जा रहा है। महाकुंभ में पांच पवित्र स्नान हुए जिनमें से तीन अमृत स्नान थे। जबकि 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और 3 फरवरी को बसंत पंचमी अमृत स्नान थे, 13 जनवरी को पौस पूर्णिमा, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि अन्य महत्वपूर्ण स्नान दिन थे। सरकार ने इसे सफल आयोजन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रौद्योगिकी को शामिल करने और हाई-अलर्ट सुरक्षा उपाय करने के कारण यह आयोजन आकर्षण का केंद्र बन गया।

महाशिवरात्री के कारण समापन की ओर बढ़ने के बावजूद महाकुंभ में भक्तों की संख्या में भारी वृद्धि हुई। प्रयागराज में जिला प्रशासन और मेला प्रशासन ने महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाने के लिए शहर में प्रवेश करने वाले भक्तों की सुविधा के लिए व्यापक यातायात व्यवस्था की है। महाशिवरात्रि पर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर स्थित नियंत्रण कक्ष से महाकुंभ की व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं, क्योंकि श्रद्धालु महा शिवरात्रि पर पवित्र स्नान के लिए पहुंच रहे हैं।

योगी ने एक्स पर लिखा कि महाकुम्भ-2025, प्रयागराज में भगवान भोलेनाथ की उपासना को समर्पित महाशिवरात्रि के पावन स्नान पर्व पर आज त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने हेतु पधारे सभी पूज्य साधु-संतों, कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन! त्रिभुवनपति भगवान शिव और पुण्य सलिला माँ गंगा सभी का कल्याण करें, यही प्रार्थना है। हर हर महादेव! मौजूदा महाकुंभ की शुरुआत के बाद से 63.3 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। अकेले सोमवार को 1.30 करोड़ से अधिक लोगों ने पवित्र स्नान किया।

दिल्ली से अपनी वृद्ध माता जी को स्नान कराने आए अजय जैन किसी तरह चुंगी चौराहे पर पहुंचे और कार वहीं पार्क कर किराए पर मोटरसाइकिल लेकर माता जी को त्रिवेणी संगम में स्नान कराने गए। ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित होने से उन्हें थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, समुद्र मंथन में भगवान शिव ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे समुद्र मंथन से अमृत कलश निकला और इसकी बूंदें जहां जहां गिरी, वहां वहां कुंभ मेले का आयोजन होता है। 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights