समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर महाकुंभ के आयोजन को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने महाकुंभ को केवल असत्य प्रचार का माध्यम बनाकर भावनाओं के साथ खेला है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने 26 फरवरी को महाकुंभ का औपचारिक समापन कर दिया, जिससे कई बुजुर्ग श्रद्धालु स्नान करने से वंचित रह गए। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री ने व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई। इसके अलावा, सरकार मृतकों की सही संख्या का भी खुलासा नहीं कर रही है।

अखिलेश ने PM मोदी पर भी बिना नाम लिए बोला हमला
मिली जानकारी के मुताबिक, अखिलेश यादव ने महाकुंभ की प्रशंसा करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी बिना नाम लिए हमला बोला। उन्होंने कहा कि महाकुंभ से करोड़ों रुपए की कमाई हुई है, जिसे सरकार को पुरानी परंपरा के अनुसार कल्याणकारी कामों में इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं अखिलेश यादव ने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए कहा कि महाकुंभ के समापन के दौरान अगर दो मिनट का मौन नहीं रखा जा सकता, तो कम से कम मृतकों और लापता लोगों के लिए दो शब्द जरूर कहे जाते। उन्होंने कहा कि सच को छिपाना अपराधबोध की निशानी है।

अखिलेश ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर भी उठाए सवाल
इसके अलावा, अखिलेश यादव ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जनता को नागरिक नहीं, बल्कि ग्राहक समझती है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या 100 प्रतिशत एफडीआइ को अनुमति देना बीमा क्षेत्र को खतरे में डालने जैसा नहीं है? अगर विदेशी देशों से रिश्तों में कोई विघ्न आता है, तो विदेशी कंपनियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही कैसे तय होगी?

जानिए, महाकुंभ के समापन पर क्या बोले अखिलेश?
महाकुंभ के समापन के बारे में बात करते हुए, यह आयोजन 13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू हुआ था और महाशिवरात्रि के दिन इसके अंतिम स्नान पर 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस स्नान के दौरान महाकुंभ ने इतिहास में सबसे ज्यादा संख्या का रिकॉर्ड स्थापित किया।

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